भारत में यूनेस्को के विश्व विरासत (धरोहर) स्थल की सूची 2024 (UNESCO World Heritage Sites in India UPSC in Hindi)
Table of
contents
|
UNESCO World Heritage Sites in India 2024 in Hindi
A. मानव निर्मित (Man Made)
1.आगरा फोर्ट, उत्तर प्रदेश (1983)
2.अजंता
गुफाएं, महाराष्ट्र (1983)
3.एलोरा
गुफाएं, महाराष्ट्र (1983)
4.ताज
महल, उत्तर प्रदेश (1983)
5.महाबलीपुरम
में स्मारकों के समूह, तमिलनाडु (1984)
6.सूर्य
मंदिर, कोणार्क, ओड़िशा (1984)
7.गोवा के चर्चऔर कॉन्वेंट, गोवा (1986)
8.फतेहपुर
सीकरी, उत्तर प्रदेश (1986)
9.हम्पी में स्मारकों के समूह, कर्नाटक (1986)
10.स्मारक के खजुराहो समूह, मध्य प्रदेश (1986)
11.एलीफेंटा गुफाएं, महाराष्ट्र (1987)
12.महान चोला मंदिर, तमिलनाडु (1987)
13.पट्टकल में स्मारकों के समूह, कर्नाटक (1987)
14.सांची
में बौद्ध स्मारक, मध्य प्रदेश (1989)
15.हुमायूं
का मकबरा, दिल्ली (1993)
16.कुतुब
मीनार और उसके स्मारक,
दिल्ली (1993)
17.भारत की पर्वतीय रेल (दार्जिलिंग/नीलगिरी/शिमला),पश्चिम बंगाल/तमिलनाडु/हिमाचल प्रदेश(1999/2005/2008)
18.बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर, बिहार (2002)
19.भीमबेटका के रॉक शेल्टर्स, मध्य प्रदेश (2003)
20.चंपानेर-
पावागढ़ पुरातत्व पार्क, गुजरात (2004)
21.छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व विक्टोरिया टर्मिनस), महाराष्ट्र (2004)
22.लाल किला परिसर, दिल्ली (2007)
23.जंतर मंतर, जयपुर,राजस्थान (2010)
24.राजस्थान
के पहाड़ी किलों, राजस्थान (2013)
25.रानी
की वाव पाटन, गुजरात
(2014)
26.नालंदा, बिहार (2016)
27. ली
कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य, चंडीगढ़ (2016)
28.अहमदाबाद, गुजरात (2017)
29. विक्टोरियन
गोथिक और आर्ट डेको, महाराष्ट्र (2018)
30.जयपुर, राजस्थान (2019)
32. धोलावीरा:
हड़प्पा शहर, गुजरात (2021)
B. प्राकृतिक (Natural)
1.काजीरंगा
राष्ट्रीय उद्यान,असम (1985)
2.केवलादेव
राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान (1985)
3.मानस
वन्यजीव अभयारण्य, असम (1985)
4.नंदा
देवी और फूलों की
घाटी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड (1988)
5.सुंदरवन
राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल (1987)
6.पश्चिमी
घाट, गुजरात,महाराष्ट्र, कर्नाटक,तमिलनाडु,केरल (2012)
7.ग्रेट
हिमालयन नेशनल पार्क, हिमाचल प्रदेश (2014)
C. मिश्रित
(Mixed)
1.खंगेंदज़ोंगा (Khangchendzonga) (कंचनजंगा) राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम (2016)
भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर(विरासत) स्थलों की राज्यवार सूची का विवरण 2024 (State-wise Detail List of UNESCO World Heritage Sites in India 2024 in Hindi)
No. |
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश |
विश्व धरोहर स्थल
|
वर्ष |
1. |
उत्तर प्रदेश |
1.आगरा फोर्ट 2.ताज महल 3.फतेहपुर सीकरी
|
1983 1983 1986 |
2. |
महाराष्ट्र |
1.अजंता गुफाएं 2.एलोरा गुफाएं 3.एलीफेंटा गुफाएं 4.छत्रपति शिवाजी टर्मिनस 5.विक्टोरियन गोथिक&आर्ट डेको 6.पश्चिमी घाट
|
1983 1983 1987 2004 2018 2012 |
3. |
तमिलनाडु |
1.महाबलीपुरम स्मारक समूह 2.महान चोला मंदिर 3.नीलगिरि पर्वतीय रेल 4.पश्चिमी घाट
|
1984 1987 2005 2012 |
4. |
ओड़िशा |
1.सूर्य मंदिर, कोणार्क
|
1984 |
5. |
गोवा |
1.गोवा के चर्च और कॉन्वेंट
|
1986 |
6. |
कर्नाटक |
1.हम्पी में स्मारकों के समूह 2.पट्टकल में स्मारकों के समूह 3.पश्चिमी घाट
|
1986 1987 2012 |
7. |
मध्य प्रदेश |
1.खजुराहो के स्मारकों का समूह 2.सांची में बौद्ध स्मारक 3.भीमबेटका के रॉक शेल्टर्स
|
1986 1989 2003 |
8. |
दिल्ली |
1.हुमायूं का मकबरा 2.कुतुब मीनार &उसके स्मारक 3.लाल किला परिसर
|
1993 1993 2007 |
9. |
पश्चिम बंगाल |
1.सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान 2.दार्जिलिंग पर्वतीय रेल
|
1987 1999 |
10. |
बिहार |
1.महाबोधि मंदिर परिसर 2.नालंदा
|
2002 2016 |
11. |
राजस्थान |
1.केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 2.जंतर मंतर 3.राजस्थान के पहाड़ी किले 4.जयपुर
|
1985 2010 2013 2019 |
12. |
गुजरात |
1.चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क 2.रानी की वाव 3.पश्चिमी घाट 4.अहमदाबाद 5. धोलावीरा: हड़प्पा शहर
|
2004 2014 2012 2017 2021 |
13. |
चंडीगढ़ |
1.ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य
|
2016 |
14. |
असम |
1.काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 2.मानस वन्यजीव अभयारण्य
|
1985 1985 |
15. |
उत्तराखंड |
1.नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय
उद्यान
|
1988 |
16. |
हिमाचल प्रदेश |
1.कालका शिमला रेलवे 2.ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
|
2008 2014 |
17. |
सिक्किम |
1.खंगेंदज़ोंगा (कंचनजंगा) राष्ट्रीय
उद्यान
|
2016 |
18. |
तेलंगाना |
1. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर |
2021 |
उत्तर प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Uttar Pradesh 2024 in Hindi)
1.आगरा फोर्ट:
आगरा
फोर्ट उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित
है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 1983 में
विश्व धरोहर
स्थल घोषित किया था। आगरा फोर्ट के लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ही
विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल मौजूद है। अकबर
ने इसे वर्ष 1558 में अपनी राजधानी बनाया था।आगरा किले के भीतरी स्थलों
में दीवान-ए-आम , दीवान-ए-ख़ास, जहाँगीरी
महल , मोती मस्जिद,
नगीना मस्जिद, रंग महल, शाहजहाँ महल, शीश महल , रंग महल, स्वर्ण मंडप आदि प्रमुख हैं।
2.ताज महल:
ताज
महल भारत में उत्तर प्रदेश
राज्य
के
आगरा
जिले में यमुना नदी
के किनारे स्थित है। यूनेस्को नें
वर्ष 1983 में इसे विश्व
धरोहर स्थल की सूची
में शामिल किया था। ताज
महल निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था
।ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय
और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है।इसका निर्माण सन् 1648 के लगभग
पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है।
3.फतेहपुर सीकरी:
फतेहपुर सीकरी
उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले के
पास स्थित है। यूनेस्को ने फतेहपुर सीकरी
को वर्ष 1986 में विश्व धरोहर
स्थल के रूप में
घोषित किया था।फतेहपुर सीकरी
नगर को मुगल सम्राट
अकबर ने सन् 1569 में
बसाया था।यह मुगल सम्राट अकबर
के राज्य में 1571 से 1585 तक मुगल साम्राज्य
(भारत) की राजधानी रही,
बाद में पानी की कमी के कारण
इसे खाली कर दिया
गया और लाहौर को (मई 1586 –
1598) राजधानी बनाया गया।फतेहपुर सीकरी के प्रमुख इमारतों में आंख मिचौली,
दीवान-ए-खास, बुलंद
दरवाजा, पांच महल, ख्वाबगाह, जोधा बाई का
महल,शेख सलीम चिश्ती
के पुत्र की दरगाह,शाही
मस्जिद,अनूप तालाब आदि
प्रमुख हैं।
महाराष्ट्र के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Maharastra 2024 in Hindi)
1. अजंता गुफाएं:
अजंता
की गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले
में स्थित है। यूनेस्को ने
इसको वर्ष 1983 में विश्व धरोहर
स्थल की सूची में
सम्मिलित किया था।अजंता गुफाएँ तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ हैं, जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं।
यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।अजंता
गुफाएं घने जंगल से घिरी, अश्व नाल आकार घाटी में अजंता गाँव से 3.5 Km दूर बनी है।अजंता
गाँव गाँव महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर से 106 कि॰मी॰ दूर बसा है। यहाँ कुल 29 गुफाएँ (भारतीय पुरातात्विक
सर्वेक्षण विभाग द्वारा आधिकारिक गणनानुसार) हैं,जिसमें कई विहार (मठ आवासीय) एवं चैत्य
गृह हैं (स्तूप स्मारक हॉल)
2. एलोरा गुफाएं:
यूनेस्को ने
वर्ष 1983 में इसको विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।एलोरा की गुफाएँ महाराष्ट्र
राज्य के औरंगाबाद जिले
(महाराष्ट्र से 30 Km) में स्थित है।
इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों
द्वारा बनवाया गया था। यहाँ 34 "गुफ़ाएँ" हैं । इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफा मन्दिर
बने हैं। ये 600 से 1000 ईसवी में बने थे। यहाँ 12 बौद्ध गुफाएँ (1-12), 17 हिन्दू
गुफाएँ (13-29) और 5 जैन गुफाएँ (30-34) हैं। एलोरा के 34 मठ और मंदिर 2 कि॰मि॰ के
क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर
बनाया गया हैं।
3.एलीफेंटा गुफाएं:
यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। एलीफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र में एलीफेंटा द्वीप (घारपुरी) में स्थित है। यहाँ कुल सात गुफाएँ (5 हिन्दू और 2 बौद्ध गुफाएँ) हैं। मुख्य गुफा में शिव को कई रूपों में उकेरा गया हैं। यहाँ हिन्दू धर्म के अनेक देवी देवताओं कि मूर्तियाँ हैं। ये मंदिर पहाड़ियों को काटकर बनाये गए हैं। पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित है। इसका ऐतिहासिक नाम घारपुरी है।एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहाँ पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया है। कई शिल्पाकृतियां मान्यखेत के राष्ट्रकूट वंश द्वारा बनवायीं हुई हैं।
4. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व विक्टोरिया टर्मिनस):
यह भारत की वाणिज्यिक
राजधानी मुंबई का एक ऐतिहासिक
रेलवे-स्टेशन है, जो मध्य
रेलवे, भारत का मुख्यालय
भी है। यूनेस्को ने इस स्टेशन को 2 July 2004 में विश्व धरोहर स्थल
घोषित किया था।यह स्टेशन
ताजमहल के बाद; भारत
का सर्वाधिक छायाचित्रित स्मारक है।छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन
को सन् 1887 में विक्टोरियन इटालियन
गॉथिक रिवाइवल आर्किटेक्चर के साथ बनाया
गया है। इस इमारत
में विक्टोरियाई इतालवी गोथिक शैली एवं परंपरागत
भारतीय स्थापत्यकला का संगम दिखता
है।
5. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको:
भारत
के महाराष्ट्र राज्य में मुंबई शहर
की 19वीं सदी के
‘विक्टोरियन गोथिक और 20वीं सदी के
‘आर्ट डेको के स्थापत्य
को यूनेस्को ने वर्ष 2018 में
विश्व विरासत स्थल घोषित किया
है। इमारतों का यह समूह 30 जून 2018 को मनामा
(बहरीन की राजधानी) में विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र के दौरान विश्व धरोहर स्थलों
की सूची में जोड़ा गया था।
19वीं सदी के
विक्टोरियन गोथिक
शैली इमारतों में मुंबई उच्च न्यायालय, मुंबई
विश्वविद्यालय और राजाबाई टॉवर की इमारते आदि और 20वीं सदी के आर्ट डेको इमारतों
में इरोस सिनेमा प्रमुख हैं।
6. पश्चिमी घाट:
यूनेस्को
ने 2012 में इस स्थल
को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।पश्चिमी घाट विश्व में जैविक
विविधता के 8 हॉट स्पॉट (hot-spots) में से
एक है । पश्चिमी घाट (सह्याद्री) गुजरात,
महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से
होते हुए कन्याकुमारी में
समाप्त हो जाती
है। यह पर्वतीय श्रृंखला उत्तर से दक्षिण
की तरफ 1600 किलोमीटर लम्बी है।
पश्चिमी घाट
के प्रमुख पर्वत शिखर अनामुडी (2695m), दोड्डबेट्ट(2637m), कुद्रेमुखम्, ब्रह्मगिरि आदि है।पश्चिमी घाट के प्रमुख दर्रे थाल घाट (नाशिक—मुंबई),
भोर घाट (मुंबई—पुणे), पाल घाट (कोच्चि—चेन्नई मार्ग), सेनकोट्टा दर्रा (तिरुअनंतपुरम—मदुरै मार्ग) है।
तमिलनाडु के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Tamil Nadu 2024 in Hindi)
1. महाबलीपुरम में स्मारकों के समूह:
महाबलिपुरम
(मामल्लपुरम) में स्मारकों का
समूह तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम जिले में स्थित
है। महाबलीपुरम चेन्नई से लगभग
60 किलो मीटर की दूरी
पर बंगाल की खाड़ी के
किनारे स्थित एक मंदिर कस्बा है।यह प्राचीन शहर अपने भव्य मंदिरों, स्थापत्य और सागर-तटों
के लिए प्रसिद्ध है। इन स्मारकों का
निर्माण 7 वीं और 8 वीं
शताब्दी के दौरान पल्लव
राजाओं द्वारा कराया गया था। यूनेस्को
ने इसको वर्ष 1984 में
विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।
महाबलिपुरम
(मामल्लपुरम) अपने रथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। महाबलीपुरम का भव्य 'रथ' गुफा मंदिर
सातवीं और आठवीं शताब्दियों में पल्लव राजा नरसिंह द्वारा निर्मित कराया गया था।
इस स्मारक समूह में 8 रथनुमा मंदिर हैं जिनमें से 6 के नाम महाभारत के पांडवों (पांच
भाई) और द्रौपदी के नाम पर रखे गये है, जैसे- भीम रथ, धर्मराज रथ, अर्जुन रथ, नकुल
सहदेव रथ और द्रौपड़ी रथ आदि। इन मंदिरों के निर्माण की शैली बौद्ध विहारों एवं चैत्य
शैली पर आधारित थी।इन रथनुमा मंदिर समूह में सबसे बड़ा रथ मंदिर अधूरा तीन मंजिला धर्मराज
मंदिर है और सबसे छोटा मंदिर द्रौपदी का है।अर्जुन और द्रौपदी के रथ क्रमश: शिव और
दुर्गा को समर्पित हैं।
महाबलीपुरम
में कई मंदिर हैं– कृष्ण
गुफा मंदिर, महिषासुरमर्दिनी मंडप, अरहा गुफा मंदिर,
पांचपांडव गुफा मंदिर और
संरचनात्मक मंदिरों में तटीय मंदिर
और ओलक्कान्नेश्वर मंदिर हैं।
2. महान चोला मंदिर/द ग्रेट लिविंग चोल टेंपल:
महान
चोल मंदिरों का निर्माण 11 वीं
और 12 वीं शताब्दी के
दौरान चोल वंश के
राजाओं द्वारा किया गया था।
ये मंदिर भारत के तमिलनाडु
राज्य में स्थित
हैं। यूनेस्को ने वर्ष 1987 में
इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।
यूनेस्को
ने 1987 में बृहदीश्वर मन्दिर
को विश्व धरोहर स्थल की सूची
में सर्वप्रथम शामिल किया।इसका निर्माण 1003-1010 ई. के बीच
चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम
भी दिया जाता है।यह एक ही पाषाण से बना है।
इसके
बाद यूनेस्को द्वारा 2004 में गंगईकोंडा चोलपुरम
मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर
को भी विश्व विरासत
स्थल के रूप में
शामिल किया।गंगईकोंडा चोलपुरम मन्दिर का निर्माण राजा राज चोल के पुत्र राजेंद्र
चोल द्वारा किया गया था। ऐरावतेश्वर
मंदिर का निर्माण 12 वी
शताब्दी में राजराजा चोल 2 ने कराया था।
3. भारत की पर्वतीय रेल (नीलगिरि पर्वतीय रेल):
नीलगिरि पर्वतीय रेल एक सिंगल ट्रैक रेलवे है जो भारत के तमिलनाडु राज्य की नीलगिरी की पहाड़ियों पर स्थित है। इसे 1908 में ब्रिटिश राज के दौरान बनाया गया था। जुलाई 2005 में यूनेस्को ने नीलगिरि पर्वतीय रेल को दार्जिलिंग हिमालयी रेल के विश्व धरोहर स्थल के एक विस्तार के रूप में मान्यता दी थी और तब से इन्हें संयुक्त रूप से "भारत की पर्वतीय रेल" के नाम से जाना जाता है।
शाहरुख खान
की हिंदी फिल्म "दिल से" के प्रसिद्ध
हिंदी गीत छैंया छैंया का फिल्मांकन इसी रेलवे की रेलगाड़ी की छत पर किया गया है।
4. पश्चिमी घाट:
यूनेस्को
ने 2012 में इस स्थल
को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।पश्चिमी घाट विश्व
में जैविक विविधता के 8 हॉट स्पॉट
(hot-spots) में से
एक है । पश्चिमी
घाट (सह्याद्री) गुजरात,
महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से
होते हुए कन्याकुमारी में
समाप्त हो जाती
है। यह पर्वतीय श्रृंखला
उत्तर से दक्षिण
की तरफ 1600 किलोमीटर लम्बी है।
पश्चिमी
घाट के प्रमुख पर्वत
शिखर अनामुडी (2695m), दोड्डबेट्ट(2637m), कुद्रेमुखम्, ब्रह्मगिरि आदि है।पश्चिमी
घाट के प्रमुख दर्रे थाल
घाट (नाशिक—मुंबई), भोर घाट (मुंबई—पुणे),
पाल घाट (कोच्चि—चेन्नई मार्ग), सेनकोट्टा दर्रा (तिरुअनंतपुरम—मदुरै
मार्ग) है।
ओड़िशा के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Orissa 2024 in Hindi)
1. सूर्य मंदिर, कोणार्क:
यूनेस्को
ने इसको वर्ष 1984 में
विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।कोणार्क सूर्य मन्दिर भारत में उड़ीसा
राज्य में जगन्नाथ पुरी
से 35 किमी उत्तर-पूर्व
में कोणार्क नामक शहर में स्थित
है।यह मन्दिर सूर्य देव को समर्पित
है।कोणार्क सूर्य-मन्दिर का निर्माण लाल
रंग के बलुआ पत्थरों
तथा काले ग्रेनाइट के
पत्थरों से हुआ है।
इसे 1236-1264 ईसा में गंग
वंश के तत्कालीन सामंत
राजा नृसिंहदेव द्वारा बनवाया गया था।कलिंग शैली
में निर्मित इस मन्दिर में
सूर्य देव को रथ
के रूप में विराजमान
किया गया है तथा
पत्थरों को उत्कृष्ट नक्काशी
के साथ उकेरा गया
है। सम्पूर्ण मन्दिर स्थल को बारह
जोड़ी चक्रों के साथ सात
घोड़ों से खींचते हुये
निर्मित किया गया है,
जिसमें सूर्य देव को विराजमान
दिखाया गया है। परन्तु
वर्तमान में सातों में
से एक ही घोड़ा
बचा हुआ है।
गोवा के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Goa 2024 in Hindi)
1.गोवा के चर्च और कॉन्वेंट:
इनका
निर्माण भारत के गोवा
राज्य में पुर्तगाली शासनकाल
में हुआ था। यूनेस्को
ने वर्ष 1986 में इसको विश्व
धरोहर स्थल घोषित किया
था।
कर्नाटक के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Karnataka 2024 in Hindi)
1. हम्पी में स्मारकों के समूह:
यूनेस्को ने
इसको वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। यह स्थान भारत के कर्नाटक
राज्य के विजयनगर जिले में
स्थित है। यह बादामी
और ऐहोल पुरातात्विक स्थलों
से 140 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व
में है।
हंपी
में स्मारकों के समूह में
अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य
विजयनगर की राजधानी के
अवशेष प्राप्त होते है। हम्पी
मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी।
विजयनगर साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के तट
पर स्थित था और इसके
संस्थापक हरिहर एवं बुक्का थे।
2. पट्टकल में स्मारकों के समूह:
पट्टकल के स्मारकों
का समूह भारत के कर्नाटक राज्य
के बागलकोट जिला में पत्तदकल नामक कस्बे में मलप्रभा नदी
के पास स्थित है।
पट्टकल के स्मारकों के
समूह का निर्माण चालुक्य
वंश के दौरान 7वीं
और 8वीं शताब्दी के
दौरान कराया गया था। यूनेस्को
ने इस स्थान को
वर्ष 1987 में विश्व धरोहर
स्थल घोषित किया था।
यहाँ कुल दस
मंदिर हैं, जिनमें एक जैन धर्मशाला भी शामिल यहाँ 4 मंदिर द्रविड़ शैली के हैं, 4 नागर
शैली के हैं एवं पापनाथ मंदिर मिश्रित शैली का है। सबसे परिष्कृत मंदिर, उत्तरी और दक्षिणी शैलियों के एक संलयन
के रूप
में पापनाथा और विरुपाक्ष मंदिरों में पाए जाते हैं।
विरुपाक्ष मंदिर
यहाँ का सर्वश्रेष्ठ मंदिर है। इसे महाराज विक्रमादित्य द्वितीय की पत्नी लोकमहादेवी
ने 745 ई. में अपने पति की कांची के पल्लव वंश पर विजय के स्मारक रूप में बनवाया था।इसके
अलावा संगमेश्वर मंदिर भी काफी आकर्षक है। इसे महाराज विजयादित्य सत्याश्रय ने बनवाया
था। यहाँ के काशी विश्वनाथ मंदिर को राष्ट्रकूट वंश ने आठवीं शताब्दी में बनवाया था।
निकटस्थ ही मल्लिकार्जुन मंदिर है। इसे विक्रमादित्य की द्वितीय रानी त्रिलोकमहादेवी
द्वारा ७४५ ई. में बनवाया गया था।
यहां का पापनाथ
मंदिर वेसारा शैली में निर्मित है। 670 ई. में निर्मित यह मंदिर पहले नागर शैली में
आरम्भ हुआ था, पर बाद में द्रविड़ शैली में बदला गया। यहां के शिल्प रामायण एवं महाभारत
की घटनाओं के बारे में बताते हैं।
हिंदू मंदिर
आमतौर पर शिव को समर्पित हैं, लेकिन वैष्णववाद और शक्तिवाद धर्मशास्त्र और किंवदंतियों
के तत्व भी चित्रित किए गए हैं।
3. पश्चिमी घाट:
यूनेस्को
ने 2012 में इस स्थल
को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।पश्चिमी घाट विश्व
में जैविक विविधता के 8 हॉट स्पॉट
(hot-spots) में से
एक है । पश्चिमी
घाट (सह्याद्री) गुजरात,
महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से
होते हुए कन्याकुमारी में
समाप्त हो जाती
है। यह पर्वतीय श्रृंखला
उत्तर से दक्षिण
की तरफ 1600 किलोमीटर लम्बी है।
पश्चिमी
घाट के प्रमुख पर्वत
शिखर अनामुडी (2695m), दोड्डबेट्ट(2637m), कुद्रेमुखम्, ब्रह्मगिरि आदि है।पश्चिमी
घाट के प्रमुख दर्रे थाल
घाट (नाशिक—मुंबई), भोर घाट (मुंबई—पुणे),
पाल घाट (कोच्चि—चेन्नई मार्ग), सेनकोट्टा दर्रा (तिरुअनंतपुरम—मदुरै
मार्ग) है।
मध्य प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Madhya Pradesh 2024 in Hindi)
1. खजुराहो के स्मारकों का
समूह:
खजुराहो स्मारक
समूह के मन्दिर ,जो कि हिन्दू
और जैन धर्म के
स्मारकों का एक समूह
है , मध्य प्रदेश राज्य
के छतरपुर ज़िले में स्थित है।
छतरपुर में ये मन्दिर
एक छोटे कस्बे जो
कि खजुराहो कस्बे के नाम से
ही जाना जाता है,
में स्थित हैं।
खजुराहो के स्मारकों के समूह को
वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था। मंदिर स्थल मध्य भारत में विंध्य पर्वत
श्रृंखला में स्थित हैं ।
खहुराहो के अधिकतर मन्दिर चन्देल राजवंश के समय 885 और 1050 ईस्वी के मध्य बनाए गए थे। खजुराहो में कुल 85 मन्दिर थे, जो कि 20 वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए थे। वर्तमान में इनमें से, केवल 25 मन्दिर ही बच हैं जो 6 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। खजुराहो के मंदिर अपने नागर शैली के स्थापत्य प्रतीक और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
इनमें अधिकतर
मन्दिरों का निर्माण भारतीय हिन्दू राजा यशोवर्मन और धंग के शासन काल में हुआ था। यशोवर्मन
चन्देल राजवंश का हिन्दू शासक था। यशोवर्मन की विरासत का उत्कृष्ट नमूना लक्ष्मण मन्दिर
है जबकि धंग विश्वनाथ मन्दिर के लिए प्रसिद्ध हुए। वर्तमान में सबसे लोकप्रिय मन्दिर
कन्दारिया महादेव मन्दिर है जिसका निर्माण चन्देल राजवंश के शासक विद्याधर ने करवाया
था।
2. सांची में बौद्ध स्मारक:
सांची
का स्तूप मध्य प्रदेश राज्य
के रायसेन जिले में
सांची में स्थित है।
सांची भारत के मध्य
प्रदेश राज्य के रायसेन जिले,
में बेतवा नदी के तट
स्थित एक छोटा सा
गांव है। यूनेस्को ने
1989 में सांची के स्तूप को
विश्व विरासत स्थल के रूप
में शामिल किया।
यहां
कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी
शताब्दी ई.पू. से
बारहवीं शताब्दी के बीच के
काल के हैं। रायसेन
जिले में भीमबेटका भी है।सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक ने तीसरी शती,
ई.पू. में बनवाया था।
3. भीमबेटका के रॉक शेल्टर्स:
यूनेस्को
ने इसे वर्ष 2003 में
विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के
मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है।
इनकी खोज वर्ष 1957-1958 में डॉक्टर
विष्णु श्रीधर वाकणकर (V. S. Wakankar) द्वारा की गई थी। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार
के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।इसके दक्षिण
में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं।
यह आदि-मानव
द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण
काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव
जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। यहाँ पर अन्य पुरावशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले
की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार
कालीन मंदिर के अवशेष सम्मिलित हैं।
भीमबेटका क्षेत्र
में प्रवेश करते हुए शिलाओं पर लिखी कई जानकारियाँ मिलती हैं। यहाँ के शैल चित्रों
के विषय मुख्यतया सामूहिक नृत्य, रेखांकित मानवाकृति, शिकार, पशु-पक्षी, युद्ध और प्राचीन
मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों से जुड़े हैं। चित्रों में प्रयोग किये गए खनिज रंगों
में मुख्य रूप से गेरुआ, लाल और सफेद हैं और कहीं-कहीं पीला और हरा रंग भी प्रयोग हुआ
है।यहाँ बनाए गए चित्र मुख्यतः नृत्य, संगीत, आखेट, घोड़ों और हाथियों की सवारी, आभूषणों
को सजाने तथा शहद जमा करने के बारे में हैं। इनके अलावा बाघ, सिंह, जंगली सुअर, हाथियों,
कुत्तों और घडियालों जैसे जानवरों को भी इन तस्वीरों में चित्रित किया गया है यहाँ
की दीवारें धार्मिक संकेतों से सजी हुई है, जो पूर्व ऐतिहासिक कलाकारों के बीच लोकप्रिय
थे।
भीमबेटका के रॉक शेल्टर्स में सात पहाड़ियों और 750 से अधिक रॉक शेल्टर शामिल हैं जो 10 किमी से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। इनमे से कुछ तो कम से कम 100,000 साल पुराने है।
दिल्ली के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in New Delhi 2024 in Hindi)
1. हुमायूं का मकबरा:
हुमायूं
का मकबरा भारत की
राजधानी
दिल्ली
में स्थित
है। यूनेस्को ने इसे वर्ष
1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया
था।
इस मक़बरे में चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म
दिया। यह भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण बनी। यहां सर्वप्रथम लाल
बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा
बानो बेगम के आदेशानुसार 1562 में बना था।
इस परिसर में
मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम
हमीदा बानो तथा सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी मुगल
सम्राट जहांदर शाह, फर्रुख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि
की कब्रें स्थित हैं।
2. कुतुब मीनार और उसके स्मारक:
यूनेस्को
ने क़ुतुब मीनार को 1993 में विश्व विरासत
स्थल घोषित किया था।कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली में दक्षिण दिल्ली
शहर के महरौली भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई
72.5 मीटर और व्यास 14.3 मीटर है।
दिल्ली सल्तनत
के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने वेदशाला को तोड़कर कुतुब मीनार का र्निर्माण
सन 1193 में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश
ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन 1368में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम
मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है ।
3. लाल किला परिसर:
लाल
किला भारत की राजधानी
दिल्ली में स्थित है
और इसका निर्माण मुगल
शासक शाहजहाँ ने करवाया था।
लाल बलुआ पत्थर से
निर्मित है। इस किले
को "लाल किला", इसकी
दीवारों के लाल-लाल
रंग के कारण कहा
जाता है। इस ऐतिहासिक
किले को वर्ष 2007
में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर
स्थल चयनित किया गया था।
बादशाह शाहजहाँ
ने 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू किया, जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली
स्थानांतरित करने का फैसला किया। लालकिले
का पुनर्निर्माण 1638 में आरम्भ होकर 1648 में पूर्ण हुआ। यह किला यमुना नदी के किनारे पर स्थित
है।
पश्चिम बंगाल के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in West Bengal 2024 in Hindi)
1.सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान:
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित है। सुंदरवन का नाम यहां पाए जाने वाले सुंदरी नाम के वृक्ष की वजह से पड़ा है। यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है । यह पार्क रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है। यह विश्व का एकमात्र नदी डेल्टा है जहां बाघ पाए जाते हैं। यूनेस्को ने इसे वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। यहाँ खारे पानी के मगरमच्छ भी मिलते हैं। 1984 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इसे 2019 में रामसर स्थल घोषित किया गया था।
2. भारत की पर्वतीय रेल /दार्जिलिंग पर्वतीय रेल:
इस रेलवे को ब्रिटिश सरकार
द्वारा प्रारम्भ किया था। दार्जिलिंग
भारत के पश्चिम बंगाल
राज्य में स्थित है
और यह रेलवे सिलीगुड़ी
और दार्जिलिंग के बीच संचालित
है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को “टॉय ट्रेन” के
नाम से भी जाना
जाता है। इसे 1999 में
विश्व विरासत स्थल की सूची
में शामिल किया गया।
भारत
के राज्य पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी
और दार्जिलिंग के बीच चलने
वाली एक छोटी लाइन
की रेलवे प्रणाली है। इसका निर्माण
1879 और 1881 के बीच किया
गया था और इसकी
कुल लंबाई 78 किलोमीटर है।
इसकी उन्नयन (ऊँचाई) स्तर न्यू जलपाईगुड़ी
में लगभग 100 मीटर से
लेकर दार्जिलिंग में 2,200 मीटर तक
है।
दार्जिलिंग
पर्वतीय रेलवे को यूनेस्को द्वारा
नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका
शिमला रेलवे के साथ भारत
की पर्वतीय रेल के रूप
में विश्व धरोहर स्थल के रूप
में सूचीबद्ध किया गया है।
इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग
शहर में है।
बिहार के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Bihar 2024 in Hindi)
1. बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर:
भारत के बिहार
राज्य में
गया जिले के बोधगया
में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट
अशोक द्वारा करवाया गया था। प्रसिद्ध
बोधि वृक्ष इसी मंदिर परिसर
के अंदर स्थित है
जहाँ महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त
किया था। यूनेस्को नें
इसे वर्ष 2002 में विश्व विरासत
स्थल घोषित किया था।यह विहार
उसी स्थान पर खड़ा है
जहाँ गौतम बुद्ध ने
ईसा पूर्व 6वी शताब्दी में
ज्ञान प्राप्त किया था।
2. नालंदा:
नालंदा
भारत के बिहार राज्य
में स्थित है। गुप्त साम्राज्य
के दौरान, नालंदा का विकास हुआ
था। यूनेस्को ने इसको वर्ष
2016 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया
था। चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा इत्सिंग के
यात्रा विवरणों से इस नालंदा
विश्वविद्यालय के बारे में
विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। प्रसिद्ध
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7 वीं शताब्दी में यहाँ अपने जीवन का एक वर्ष एक विद्यार्थी
और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। प्रसिद्ध 'बौद्ध सारिपुत्र' का जन्म यहीं
पर हुआ था।
नालन्दा महाविहार
को अलेक्जेंडर कनिंघम
द्वारा खोजा गया था।इस विश्वविद्यालय की स्थापना का
श्रेय गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम
(450-470 ई.) को प्राप्त है।
राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Rajasthan 2024 in Hindi)
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान:
केवलादेव राष्ट्रीय
उद्यान (केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान) भारत के राजस्थान राज्य के भरतपुर में स्थित
एक पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था।
केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान
एक मानव निर्मित और
मानव-प्रबंधित आर्द्रभूमि (Ramsar Site) है और भारत
के राष्ट्रीय उद्यानों में से एक
है।
इसको
1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था।
बाद में इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व
धरोहर स्थल सूची में जोड़ा गया था।साईबेरियाई सारस (जो
यहाँ सर्दियों के मौसम में साईबेरिया से आते हैं), घोमरा, उत्तरी शाह चकवा, जलपक्षी,
लालसर बत्तख आदि जैसे विलुप्तप्राय जाति के पक्षी यहाँ पाए जाते हैं।
2.जंतर मंतर, जयपुर:
राजस्थान के
जयपुर में स्थित जंतर मंतर का निर्माण जयपुर नगर के संस्थापक आमेर के राजा सवाई जयसिंह
(द्वितीय) ने 1728 में अपनी निजी देखरेख में शुरू करवाया था, जो सन 1734में पूरा हुआ
था। यह एक खगोलीय वेधशाला है। इस वेधशाला में 14 प्रमुख यन्त्र हैं जो समय मापने, ग्रहण
की भविष्यवाणी करने, किसी तारे की गति एवं स्थिति जानने, सौर मण्डल के ग्रहों के दिक्पात
जानने आदि में सहायक हैं। सवाई जयसिंह एक खगोल वैज्ञानिक भी थे, जिनके योगदान और व्यक्तित्व
की प्रशंसा जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' ('भारत
: एक खोज') में सम्मानपूर्वक की है। यूनेस्को
ने इसे वर्ष 2010 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
महाराजा सवाई
जय सिंह द्वितीय ने हिन्दू खगोलशास्त्र में आधार पर देश भर में पांच वेधशालाओं का निर्माण
कराया था। ये वेधशालाएं जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस और मथुरा में बनवाई गई।
3. राजस्थान के पहाड़ी किले:
राजस्थान
के 6 पहाड़ी किले – चितौड़गढ़, कुंभलगढ़, रण थंभौर, आमेर,
जैसलमेर और गागरोन को यूनेस्को ने 2013 में
विश्व विरासत स्थल घोषित किया
था।
a. चित्तौड़गढ़ किला - चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है, जो, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। यह किला अरावली पहाड़ियों पर स्थित है। इसे राजस्थान के सभी दुर्गो का सिरमौर भी कहते हैं | इस किले का निर्माण मौर्यवंशीय राजा चित्रांगद मौर्या ने सातवीं शताब्दी में करवाया था। इस दुर्ग (किले) में रावल रतनसिंह के शासनकाल में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय 1303 में रानी पद्मावती या पद्मिनी ने जौहर किया गया | चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी।
b. कुम्भलगढ़ किला - कुम्भलगढ़ का दुर्ग राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने 1459 में कराया था। इस किले को 'अजयगढ' कहा जाता था। इसके चारों ओर एक बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद विश्व कि दूसरी सबसे बडी दीवार है। इस किले की दीवारे लगभग 36 किमी लम्बी है। इस दीवार को भारत की महान दीवार कहा जाता है। कुम्भलगढ किले को मेवाड की आँख कहते है।
c. रणथंभौर किला - यह किला राजस्थान में सवाई मोधपुर के पास रणथंभौर नेशनल पार्क में स्थित है।यह राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।इस दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने रणथंभौर किले के निर्माण की दिशा में योगदान दिया। अबुल फजल ने इसके बारे में कहा कि "अन्य सब दुर्ग नंगे है,यह बख्तरबंद है।"
d. आमेर किला - आमेर दुर्ग (आंबेर का किला) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का पर्यटक आकर्षण है। कछवाहा राजपूत मान सिंह प्रथम ने इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के लिये भी जाना जाता है। यह लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित हैं।
e. जैसलमेर किला - यह राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है। इस किले को सोनार किला या स्वर्ण किले के नाम से भी जाना जाता है।इसका निर्माण कार्य रावल जैसल ने 1178 ई. के लगभग प्रारंभ करवाया था। 5 वर्ष के अल्प निर्माण कार्य के उपरांत रावल जैसल की मृत्यु हो गयी, इसके द्वारा प्रारंभ कराए गए निमार्ण कार्य को उसके उत्तराधिकारी शालीवाहन द्वारा जारी रखकर दुर्ग को मूर्त रूप दिया गया।
f. गागरोन
किला - गागरोन किला राजस्थान के
झालावाड़ जिले में स्थित
है। यह काली सिंध नदी और आहु नदी
के संगम पर स्थित है। यह
तीन ओर से अहू और काली सिंध के पानी से घिरा हुआ है।
4. जयपुर:
गुलाबी
शहर (पिंक सिटी) जयपुर
को जुलाई 2019 में यूनेस्को की
विश्व धरोहर स्थलों की सूची में
शामिल किया गया है।
जयपुर की स्थापना आमेर के महाराजा
सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने की थी।
गुजरात के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Gujarat 2024 in Hindi)
1. चंपानेर- पावागढ़ पुरातत्व पार्क:
चंपानेर-
पावागढ़ पुरातत्व पार्क गुजरात
राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है। चंपानेर शहर 8 वीं शताब्दी में चावड़ा राजवंश के
सबसे प्रमुख राजा वनराज चावड़ा द्वारा स्थापित किया गया था।यूनेस्को ने 2004 में गुजरात के
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान (आर्कियोलॉजिकल पार्क) को विश्व विरासत
स्थल घोषित किया था।
चंपानेर- पावागढ़
पुरातत्व पार्क में पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवित सांस्कृतिक धरोहर स्मारक शामिल
हैं, जैसे कि चैकोलिथिक स्थल (प्रारंभिक हिंदू राजधानी का एक पहाड़ी किला) और गुजरात
राज्य की 16 वीं शताब्दी की राजधानी के अवशेष हैं। यहां अन्य पदांकों सहित, किले, प्रासाद,
धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल आपूर्ति निर्माण कार्य के आठवीं शताब्दी
से लेकर चौदहवीं शताब्दी तक के अनेक स्थल हैं।
2. रानी की वाव:
रानी
की वाव ('Queen’s stepwell') भारत के गुजरात
राज्य के पाटण में
स्थित सरस्वती नदी के तट
पर स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। इसके चित्र
को जुलाई 2018 में भारतीय रिज़र्व
बैंक (RBI) द्वारा ₹100 के नोट पर
चित्रित किया गया है
तथा 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को
के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित
किया गया।
पाटण
को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से
जाना जाता था, जो
गुजरात की पूर्व राजधानी
थी। रानी की वाव (बावड़ी)
वर्ष 1063 में सोलंकी शासन
के राजा भीमदेव प्रथम
की समृति में
उनकी पत्नी रानी उदयामति ने
बनवाया था। सीढ़ी युक्त बावड़ी में
कभी सरस्वती नदी के जल
के कारण गाद भर
गया था। यह वाव
64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा
27 मीटर गहरा
इसे
जल प्रबंधन प्रणाली में भूजल संसाधनों
के उपयोग की तकनीक का
बेहतरीन उदाहरण माना सात मंजिला
यह वाव मारू-गुर्जर
शैली का साक्ष्य है।
ये करीब सात शताब्दी
तक सरस्वती नदी के लापता
होने के बाद गाद
में दबी हुई थी।
इसे भारतीय पुरातत्व सर्वे ने 1940 में वापस खोजा
और 1980 तक पुनर्स्थापित किया ।
3. पश्चिमी घाट:
यूनेस्को
ने 2012 में इस स्थल
को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।पश्चिमी घाट विश्व
में जैविक विविधता के 8 हॉट स्पॉट
(hot-spots) में से
एक है । पश्चिमी
घाट (सह्याद्री) गुजरात
और महाराष्ट्र की सीमा से
शुरू होती है और
महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से
होते हुए कन्याकुमारी में
समाप्त हो जाती
है। यह पर्वतीय श्रृंखला
उत्तर से दक्षिण
की तरफ 1600 किलोमीटर लम्बी है।
पश्चिमी
घाट के प्रमुख पर्वत
शिखर अनामुडी (2695m), दोड्डबेट्ट(2637m), कुद्रेमुखम्, ब्रह्मगिरि आदि है।पश्चिमी
घाट के प्रमुख दर्रे थाल
घाट (नाशिक—मुंबई), भोर घाट (मुंबई—पुणे),
पाल घाट (कोच्चि—चेन्नई मार्ग), सेनकोट्टा दर्रा (तिरुअनंतपुरम—मदुरै
मार्ग) है।
4. धोलावीरा: हड़प्पा शहर:
प्राचीन शहर
धोलावीरा, हड़प्पा सभ्यता का दक्षिणी केंद्र, गुजरात राज्य में खादिर के शुष्क द्वीप
(arid island of Khadir) पर स्थित
है।
धोलावीरा पुरातात्विक
स्थल, दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे अच्छी संरक्षित शहरी बस्तियों में से एक हैं। इसमे
एक शहर और एक कब्रिस्तान शामिल हैं। गढ़वाले महल और सड़कों और विभिन्न अनुपात गुणवत्ता
वाले घर शामिल हैं जो एक स्तरीकृत सामाजिक व्यवस्था की गवाही देते हैं। एक परिष्कृत
जल प्रबंधन प्रणाली धोलावीरा के लोगों को कठिन वातावरण में जीवित रहने और पनपने की
सरलता को प्रदर्शित करती है।
साइट में एक
बड़ा कब्रिस्तान शामिल है जिसमें छह प्रकार के सेनोटाफ (cenotaphs) हैं जो हड़प्पा में मृत्यु
के विषय में अनूठे दृष्टिकोण की गवाही देते हैं। विभिन्न प्रकार की कलाकृतियाँ जैसे
तांबा, खोल, पत्थर, अर्ध-कीमती पत्थरों के आभूषण, टेराकोटा, सोना, हाथी दांत और अन्य
सामग्री साइट की पुरातात्विक खुदाई के दौरान संस्कृति की कलात्मक और तकनीकी उपलब्धियों
को प्रदर्शित करती है। अन्य हड़प्पा शहरों के साथ-साथ मेसोपोटामिया क्षेत्र और ओमान
प्रायद्वीप के शहरों के साथ अंतर-क्षेत्रीय व्यापार के साक्ष्य भी खोजे गए हैं।
चंडीगढ़ के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Chandigarh 2024 in Hindi)
1. ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य:
यूनेस्को
ने 2016 में भारत के
केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में स्थित ली
कार्बुज़ियर के वास्तुशिल्प कार्य
को विश्व विरासत स्थल की सूची
में शामिल किया है। चंडीगढ़
कैपिटल कॉम्प्लेक्स (ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य) भारत के चंडीगढ़ शहर के सेक्टर-1
में स्थित ली कोर्बुज़िए (Le Corbusier) द्वारा
डिजाइन किया गया है। यह लगभग 100 एकड़ क्षेत्र
में फैला हुआ है। इसमें तीन इमारतें- विधान
सभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय, तीन स्मारक- मुक्त हस्त स्मारक (Open Hand Monument),
ज्यामितीय पहाड़ी (Geometric Hill) और टॉवर ऑफ शैडोज़ (Tower of Shadows) और एक झील
शामिल हैं।
असम के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Assam 2024 in Hindi)
1. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान:
काजीरंगा राष्ट्रीय
उद्यान भारत के असम राज्य के गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और नागांव जिलों में स्थित एक
राष्ट्रीय उद्यान है। यह
राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडे ( एक सींग वाले
गैंडे ) के लिए विशेष
रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ विश्व के
एक सींग वाले गैंडों
(one-horned rhinoceroses) की
दो-तिहाई (2/3) जनसंख्या पायी जाती है ।
इसे 2008-09 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। वर्ष 1985 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी हिमालय जैव विविधता हॉटस्पॉट पर स्थित है।
2. मानस वन्यजीव अभयारण्य:
मानस
वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के असम
राज्य में स्थित एक
राष्ट्रीय उद्यान है।
इसको यूनेस्को ने वर्ष 1985 में
विश्व धरोहर स्थल घोषित किया
था।यह अभयारण्य यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्राकृतिक विश्व
धरोहर स्थल के साथ साथ, बाघ
आरक्षित क्षेत्र, हाथियों के आरक्षित क्षेत्र
और एक आरक्षित जीवमंडल
हैं। यह अभयारण्य भूटान के रॉयल मानस नेशनल
पार्क (Royal Manas National
Park) के निकट है। इसे 1973-74 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।
यहाँ एक
सींग का गैंडा (भारतीय
गेंडा), बारहसिंघा, असम रूफ्ड कछुए (Assam roofed turtle), हेपीड खरगोश (hispid hare), गोल्डन लंगुर (golden langur) और पैगी हॉग
(pygmy hog) आदि पाए जाते है। मानस जंगली
भैंसों की आबादी के
लिए प्रसिद्ध है। मानस नदी
इस पार्क से हो कर
गुजरती है। मानस नदी
ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक
नदी है।
उत्तराखंड के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Uttrakhand 2024 in Hindi)
1. नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान:
यह भारत के उत्तराखंड
राज्य में नंदा देवी
(Nanda devi) पहाड़ी
पर स्थित है। यूनेस्को ने
1988 में नंदा देवी राष्ट्रीय
उद्यान तथा 2005 में फूलों की
घाटी को विश्व विरासत
स्थल की सूची में
शामिल किया।भारत के फूलों की
घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपने स्थानिक अल्पाइन
फूलों के लिए प्रसिद्ध
है। यहाँ एशियाई काले भालू, हिम तेंदुए, भूरे भालू और नीले भेड़
आदि पाये जाते
हैं।
हिमाचल प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Himachal Pradesh 2024 in Hindi)
1. भारत की पर्वतीय रेल (कालका शिमला रेलवे):
यह भारत के
हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित कालका
शिमला रेलवे को 1903 में शुरू किया
गया था। यह रेलवे
कालका और शिमला के
बीच चलती है। इसे
यूनेस्को द्वारा 8 July 2008 में विश्व विरासत
स्थल की सूची में
शामिल किया गया।ब्रिटिश शासन की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला थी।
कालका -शिमला रेलवे मार्ग (Kalka-Shimla Railway Route in Hindi) -
कालका (Start)---टकसाल---गुम्मन---कोटी---सनवारा---धर्मपुर---कुमारहट्टी---बड़ोग---सोलन---सलोगड़ा---कंडाघाट---कनोह---कैथलीघाट---शोघी---तारादेवी---टोटु
(जतोग)---समर हिल---शिमला (End).
2. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क:
यह भारत के
हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लु
जिले के पश्चिमी भाग
में स्थित है। स्थित है।
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष1984 में
बनाया गया तथा वर्ष 1999 में
राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
यूनेस्को ने इसे वर्ष
2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया
था।
यहां
अनेक महत्वपूर्ण वन्य प्रजातियां पाई
जाती है जैसे हिमालय
के भूरे भालू , मस्क डीयर, ब्राउन
बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी
चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। यहां
समशीतोष्ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं।
सिक्किम के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2024 (UNESCO world heritage sites in Sikkim 2024 in Hindi)
1. खंगेंदज़ोंगा (Khangchendzonga) (कंचनजंगा) राष्ट्रीय उद्यान:
यह उद्यान भारत
के सिक्किम राज्य में स्थित है। यह उद्यान तीन प्रमुख वन परिवेशों में बंटा हुआ है:समशीतोष्ण
पतझड़ी वन (Temperate
deciduous forest); मिश्रित शंकुधारी वन (Mixed
coniferous forests); तथा अल्पाइन घास (alpine
grass)और झाड़ियाँ। यूनेस्को ने
इस पार्क को 2016 को विश्व विरासत
स्थल के रूप में
सूची में शामिल किया गया। यह
भारत का पहला मिश्रित
धरोहर स्थल है। यह
उद्यान 1977 में स्थापित किया गया। इस उद्यान के अन्दर लेपचा जनजाति की कुछ बस्तियाँ
हैं।
यह एक
राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर
रिज़र्व है।ज़ेमु हिमनद सहित कंचनजंगा
राष्ट्रीय उद्यान में
कई हिमनद हैं। हिमालयी काला
भालू , जंगली गधा, काकड़ , फ्लाइंग
गिलहरी और लाल पांडा,
कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए
और हिमालय तहर जैसे वन्यजीव
कंचनजंगा
राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं।
तेलंगाना
के विश्व धरोहर स्थल की सूची2024 (UNESCO world heritage sites in Telangana in Hindi)
1. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर:
रुद्रेश्वर,
जिसे रामप्पा मंदिर के नाम से
जाना जाता है, तेलंगाना
राज्य में हैदराबाद से
लगभग 200 कि.मी उत्तर-पूर्व में पालमपेट गांव
में स्थित है।
यह काकतीय शासक रुद्रदेव और
रेचारला रुद्र (Rudradeva and Recharla Rudra)
के अधीन निर्मित मुख्य
रूप से एक शिव
मंदिर है। बलुआ पत्थर से निर्मित इस
मंदिर का निर्माण 1213 CE में
शुरू हुआ और माना
जाता है कि यह
लगभग 40 वर्षों तक जारी रहा।
इमारत
में हल्के झरझरा ईंटों, तथाकथित 'फ्लोटिंग ईंटों' से बने एक
विशिष्ट और पिरामिडनुमा विमान
(क्षैतिज रूप से सीढ़ीदार
टॉवर) के साथ नक्काशीदार
ग्रेनाइट और डोलराइट के
सजाए गए बीम और
खंभे हैं, जिससे छत
की संरचनाओं का वजन कम
हो गया है। मंदिर
की उच्च कलात्मक गुणवत्ता
की मूर्तियां क्षेत्रीय नृत्य रीति-रिवाजों और
काकतीय संस्कृति को दर्शाती हैं।
यूनेस्को विश्व धरोहर सूची नामांकन प्रक्रिया (UNESCO World Heritage List Nominations Process in Hindi)
केवल वे देश जिन्होंने विश्व विरासत सम्मेलन (World Heritage Convention) पर हस्ताक्षर किए हैं, अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने का वचन (pledging) देते हुए, यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (UNESCO’s World Heritage List) में शामिल किए जाने के लिए अपने क्षेत्र की संपत्तियों के लिए नामांकन प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।
नामांकन प्रक्रिया (Nomination process)
1. अस्थायी सूची (Tentative List):
सबसे पहले
किसी
देश
को
अपनी
सीमाओं
के
भीतर
स्थित
अपनी
महत्वपूर्ण
प्राकृतिक
और
सांस्कृतिक
विरासत
स्थलों
की
वस्तुसूची
(inventory) बनाने के
लिए
कदम
उठाना
चाहिए।
इस
'इन्वेंट्री'(inventory)
को
टेंटेटिव
लिस्ट
(Tentative List) के रूप
में
जाना
जाता
है,
और
यह
उन
संपत्तियों
का
पूर्वानुमान
प्रदान
करता
है
जो
एक
राज्य
पार्टी
(State Party)अगले पांच
से
दस
वर्षों
में
अभिलेख
(inscription) के लिए
प्रस्तुत
करने
का
निर्णय
ले
सकती
है
और
जिसे
किसी
भी
समय
अपडेट
किया
जा
सकता
है।
2. नामांकन फ़ाइल (Nomination File):
स्टेट पार्टी
एक
टेंटेटिव
लिस्ट
तैयार
करके
और
उसमें
से
साइट्स
का
चयन
करते
हुए,
एक
नॉमिनेशन
फाइल
पेश
करने
की
योजना
बना
सकती
है।वर्ल्ड
हेरिटेज
सेंटर
इस
फाइल
को
तैयार
करने
में
राज्य
पार्टी
को
सलाह
और
सहायता
प्रदान
करता
है,
जिसे
यथासंभव
आवश्यक
होना
चाहिए,
जिससे
यह
सुनिश्चित
हो
सके
कि
आवश्यक
दस्तावेज
और
नक्शे
शामिल
हैं।नामांकन
को
वर्ल्ड
हेरिटेज
सेंटर
(World Heritage Centre) को समीक्षा
के
लिए
प्रस्तुत
किया
जाता
है
और
इसकी
जांच
की
जाती
है
की
यह
पूर्ण
है
की
नहीं।एक
बार
नामांकन
फ़ाइल
पूरी
होने
के
बाद
वर्ल्ड
हेरिटेज
सेंटर
इसे
मूल्यांकन
के
लिए
सलाहकार
निकायों
को
भेजता
है।
3. सलाहकार निकाय (Advisory Bodies):
एक नामित
संपत्ति
का
स्वतंत्र
रूप
से
विश्व
धरोहर
कन्वेंशन
द्वारा
अधिकार
प्राप्त
दो
सलाहकार
निकायों
द्वारा
मूल्यांकन
किया
जाता
है:
International Council on Monuments and Sites (ICOMOS) and the International
Union for Conservation of Nature (IUCN), जो क्रमशः
नामित
सांस्कृतिक
और
प्राकृतिक
स्थलों
का
मूल्यांकन
करके
विश्व
विरासत
समिति
(World Heritage Committee) को रिपोर्ट
प्रदान
करते
हैं।
तीसरा
सलाहकार
निकाय,
International Centre for the Study of the Preservation and Restoration of
Cultural Property (ICCROM), एक अंतरसरकारी
संगठन
है,
जो
सांस्कृतिक
स्थलों
के
संरक्षण
के
साथ-साथ
प्रशिक्षण
गतिविधियों
पर
विशेषज्ञ
सलाह
प्रदान
करता
है।
4. विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee):
एक बार
किसी
साइट
को
नामांकित
करने
और
उसका
मूल्यांकन
करने
के
बाद,
यह
अंतर-सरकारी
वर्ल्ड
हेरिटेज
कमेटी
(intergovernmental World Heritage Committee) पर निर्भर
है
कि
वह
अपने
अभिलेख
(inscription) पर अंतिम
निर्णय
ले।वर्ष
में
एक
बार
समिति
यह
तय
करती
है
कि
किन
स्थलों
को
विश्व
धरोहर
सूची
में
शामिल किया जाएगा।यह
अपने
फैसले
को
टाल
भी
सकता
है
और
स्टेट
पार्टीज
की
साइट्स
के
बारे
में
और
जानकारी
मांग
सकता
है।
5. चयन के लिए मानदंड (Criteria for Selection):
विश्व विरासत
सूची
में
शामिल
होने
के
लिए,
साइटों
को
सार्वभौमिक
मूल्य
(universal value) का होना
चाहिए
और
दस
चयन
मानदंडों
में
से
कम
से
कम
एक
को
पूरा
करना
चाहिए।
इन
मानदंडों
को
विश्व
विरासत
कन्वेंशन
के
कार्यान्वयन
के
लिए
परिचालन
दिशानिर्देशों
(Operational Guidelines) में समझाया
गया
है,
जो
कि
कन्वेंशन
के
पाठ
(text of the Convention) के अलावा,
विश्व
धरोहर
पर
काम
करने
वाला
मुख्य
उपकरण
है।
विश्व
धरोहर
अवधारणा
के
विकास
को
प्रतिबिंबित
करने
के
लिए
समिति
द्वारा
नियमित
रूप
से
मानदंडों
को
संशोधित
किया
जाता
है।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल चयन के लिए मानदंड (UNESCO World Heritage Sites Criteria for Selection in Hindi)
विश्व विरासत
सूची
में
शामिल
होने
के
लिए,
स्थल
को
उत्कृष्ट
सार्वभौमिक
मूल्य
(outstanding universal value) का होना
चाहिए
और
10 चयन मानदंडों (Criteria) में
से
कम
से
कम
एक
को
पूरा
करना
चाहिए।2004
के
अंत
तक,
विश्व
विरासत
स्थलों
को
6 सांस्कृतिक
और
4 प्राकृतिक
मानदंडों के आधार
पर
चुना
जाता
था।
सन
2005 में, इसे बदल
कर
कुल
मिलाकर
10 मानदण्ड बना दिये
गये।
किसी
भी
नामांकित
स्थल
को
न्यूनतम
एक
मानदण्ड
को
पूरा
करना
ही
चाहिये।
(i) मानव
रचनात्मक
प्रतिभा
की
उत्कृष्ट
कृति
का
प्रतिनिधित्व
करने
वाला
हो;
(ii) मानव
मूल्यों
के
महत्वपूर्ण
आदान-प्रदान
को
प्रदर्शित
करने
वाला
हो,
दुनिया
के
एक
सांस्कृतिक
क्षेत्र
में
वास्तुकला
या
प्रौद्योगिकी
(architecture or technology), स्मारकीय कला
(monumental arts), टाउन-प्लानिंग
(town-planning) या भू-दृश्य
रचना
(landscape design) के विकास
को
प्रदर्शित
करने
वाला
हो
;
(iii) एक
अद्वितीय
(unique) या कम से
कम
एक
असाधारण
साक्ष्य
(exceptional testimony) वाली एक
सांस्कृतिक
परंपरा
या
एक
सभ्यता,
जो
जीवित
हो
या
विलुप्त
हो
गयी
हो,
को
प्रदर्शित
करता
हो।
(iv) इमारत
का
कोई
प्रकार
(a type of building), वास्तुशिल्प (architectural) या
तकनीकी
स्थापत्य
कलाविशिष्ट
ग्रूप
(technological ensemble) या भू-दृश्य
(landscape) का एक
उत्कृष्ट
उदाहरण
होना
चाहिए
जो
मानव
इतिहास
के
महत्वपूर्ण
चरणों को दर्शाता
हो;
(v) एक
पारंपरिक
मानव
बस्ती
(traditional human settlement), भूमि-उपयोग
(land-use), या समुद्र-उपयोग
(sea-use) का एक
उत्कृष्ट
उदाहरण
होना
चाहिए
जो
एक
संस्कृति
(या
संस्कृतियों)
या
पर्यावरण
के
साथ
मानव
की
परस्पर
क्रिया,
विशेष
रूप
से
जब
यह
अपरिवर्तनीय
परिवर्तन
के
प्रभाव
से
असुरक्षित
हो
गया
है,
का
प्रतिनिधित्व
करता
हो;
(vi) उत्कृष्ट
सार्वभौमिकता
के
कलात्मक
और
साहित्यिक
कार्यों
के
साथ,
विचारों
या
विश्वासों
के
साथ,
घटनाओं
या
जीवित
परंपराओं
के
साथ
सीधे
या
मूर्त
रूप
से
जुड़ा
हो।
(समिति
का
मानना
है
कि
इस
मानदंड
को
अधिमानतः
अन्य
मानदंडों
के
साथ
संयोजन
में
उपयोग
किया
जाना
चाहिए);
(vii) सर्वोत्कृष्ट
(superlative) प्राकृतिक घटनाओं
या
असाधारण
प्राकृतिक
सुंदरता
और
सौंदर्य
महत्व
के
क्षेत्रों
को
समाहित
करने
वाला
हो;
(viii) पृथ्वी
के
इतिहास
के
प्रमुख
चरणों
का
प्रतिनिधित्व
करने
वाला,
जिसमें
जीवन
का
रिकॉर्ड,
भू-आकृतियों
के
विकास
में
महत्वपूर्ण
भूवैज्ञानिक
प्रक्रियाओं
या
महत्वपूर्ण
भू-आकृति
या
भौतिक
विशेषताओं;
का
उत्कृष्ट
उदाहरण
(outstanding examples) हो,
(ix) महत्वपूर्ण
ऑन-गोइंग
पारिस्थितिक
(on-going ecological) और जैविक
प्रक्रियाओं
का
क्रम-विकास
(evolution) और स्थलीय,
ताजे
पानी,
तटीय
और
समुद्री
पारिस्थितिक
तंत्र
तथा
पौधों
और
जानवरों
के
समुदायों
के
विकास
का
प्रतिनिधित्व
करने
वाला उत्कृष्ट उदाहरण
(outstanding examples) हो;
(x) जैविक
विविधता
के
इन-सीटू
(in-situ) संरक्षण के
लिए
सबसे
आवश्यक
और
महत्वपूर्ण
प्राकृतिक
आवास,
जिनमें
विज्ञान
या
संरक्षण
के
दृष्टिकोण
से
उत्कृष्ट
सार्वभौमिक
मूल्य
की
खतरे
वाली
प्रजातियां
शामिल
हैं;
यूनेस्को के बारे में
- UNESCO का पूरा
नाम (UNESCO Full form)
'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations
Educational Scientific and Cultural Organization)' है।
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र का एक विशेष निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है।
- UNESCO का गठन 16 नवम्बर 1945 को हुआ था। यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) स्थित है।
- UNESCO के 193 सदस्य देश हैं। भारत 1946 से यूनेस्को का एक सदस्य देश है।
भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची (India’s tentative list of UNESCO world heritage sites)
एक संभावित सूची उन संपत्तियों
की एक सूची है
जिन पर प्रत्येक राज्य
पार्टी नामांकन के लिए विचार
करना चाहती है.
1. Temples at Bishnupur, West Bengal (1998)
2. Mattanchery Palace, Ernakulam, Kerala (1998)
3. Group of Monuments at Mandu, Madhya Pradesh (1998)
4. Ancient Buddhist Site, Sarnath, Varanasi, Uttar Pradesh
(1998)
5. Sri Harimandir Sahib, Amritsar, Punjab (2004)
6. River Island of Majuli in midstream of Brahmaputra River
in Assam (2004)
7. Namdapha National Park (2006)
8. Wild Ass Sanctuary, Little Rann of Kutch (2006)
9. Neora Valley National Park (2009)
10. Desert National Park (2009)
11. Silk Road Sites in India (2010)
12. Santiniketan (2010)
13. The Qutb Shahi Monuments of Hyderabad Golconda Fort,
Qutb Shahi Tombs, Charminar (2010)
14. Mughal Gardens in Kashmir (2010)
15. Delhi - A Heritage City (2012)
16. Monuments and Forts of the Deccan Sultanate (2014)
17. Cellular Jail, Andaman Islands (2014)
18. The Glorious Kakatiya Temples and Gateways (2014)
19. Iconic Saree Weaving Clusters of India (2014)
20. Dholavira: A Harappan City (2014)
21. Apatani Cultural Landscape (2014)
22. Sri Ranganathaswamy Temple, Srirangam (2014)
23. Monuments of Srirangapatna Island Town (2014)
24. Chilika Lake (2014)
25. Padmanabhapuram Palace (2014)
26. Sacred Ensembles of the Hoysala (2014)
27. Sites of Saytagrah, India’s non-violent freedom movement
(2014)
28. Thembang Fortified Village (2014)
29. Narcondam Island (2014)
30. Moidams – the Mound-Burial system of the Ahom Dynasty
(2014)
31. Ekamra Kshetra – The Temple City, Bhubaneswar (2014)
32. The Neolithic Settlement of Burzahom (2014)
33. Archaeological remains of a Harappa Port-Town, Lothal
(2014)
34. Mountain Railways of India (Extension) (2014)
35. Chettinad, Village Clusters of the Tamil Merchants
(2014)
36. Bahá'í House of Worship at New Delhi (2014)
37. Evolution of Temple Architecture – Aihole-Badami-
Pattadakal (2015)
38. Cold Desert Cultural Landscape of India (2015)
39. Sites along the Uttarapath, Badshahi Sadak,
Sadak-e-Azam, Grand Trunk Road (2015)
40. Keibul Lamjao Conservation Area (2016)
41. Garo Hills Conservation Area (GHCA) (2018)
42. The historic ensemble of Orchha (2019)
43. Iconic Riverfront of the Historic City of Varanasi
(2021)
44. Temples of Kanchipuram in Tamil Nadu (2021)
45. Hire Benkal, Megalithic Site in Karnataka (2021)
46. Bhedaghat-Lametaghat in Narmada Valley in Madhya Pradesh (2021)
47. Satpura Tiger Reserve in Madhya Pradesh(2021)
48. Serial Nomination of Maratha Military Architecture in
Maharashtra (2021)
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day)
स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस, जिसे विश्व विरासत दिवस के रूप में भी जाना जाता है, एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव है जो हर साल 18 अप्रैल को दुनिया भर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के साथ आयोजित किया जाता है।
स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 18 अप्रैल 1982 को स्मारक और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) द्वारा प्रस्तावित किया गया था और 1983 में यूनेस्को की महासभा द्वारा अनुमोदित किया गया था। इसका उद्देश्य मानवता की सांस्कृतिक विरासत की विविधता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। साथ ही उनकी भेद्यता और संरक्षण और संरक्षण के लिए आवश्यक प्रयास में सहायता करना है।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (QnA)
Q. भारत में
कितने यूनेस्को
विश्व
धरोहर
मिश्रित
स्थल
है?
(UNESCO World Heritage Mixed Sites in hindi)
A. केवल एक मिश्रित स्थल है, कंचनजंघा राष्ट्रीय पार्क, सिक्किम (2016)
Q. वर्तमान (2021) में,
देश
की
कितने
साइटें
विश्व
धरोहर
की सूची में
हैं?(world
heritage sites in india in 2021 in hindi)
A. कुल 38 स्थल हैं, जिसमे 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल है।
Q. नवीनतम यूनेस्को
विश्व
धरोहर
स्थल
कौन
सा
है?
(Latest UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi)
A. जयपुर
, राजस्थान
(2019)
Q. यूनेस्को विश्व
धरोहर
स्थल
की सूची में भारत का प्रथम शहर कौन सा है? (first city of India in the list of
UNESCO World Heritage Site in Hindi)
A. जुलाई 2017 में,
विश्व
दर्शनीय
स्थलों
की सूची में भारत का प्रथम शहर अहमदाबाद है|
Q. भारत का पहला UNESCO विश्व
धरोहर
स्थल
कौन
सा है?(First UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi )
A. आगरा किला
एवं
अजंता
गुफाओं
को
1983 में विश्व दर्शनीय
स्थलों
में
शामिल
किया
गया|
Q. द ग्रेट लिविंग चोल टेंपल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल कहां स्थित है?
A. द ग्रेट लिविंग चोल टेंपल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल तमिलनाडु में स्थित है.
Q. UNESCO का
पूरा
नाम
क्या है
?( UNESCO Full form in hindi)
A. संयुक्त राष्ट्र
शैक्षिक,
वैज्ञानिक
एवं
सांस्कृतिक
संगठन
(United
Nations Educational Scientific and Cultural Organization)
Q. UNESCO की
स्थापना
कब
हुई
थी
?
A. 16 नवंबर
1945
Q. यूनेस्को
का मुख्यालय कहां स्थित है ?
A.
पेरिस, फ्रांस
Q. विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) कब मनाया जाता है?
A. 18 April
Sir Aapne Har Topic Ke Bahut Hi Umdaa Notes Available Karae Hain Bahut Bahut Dhanyavad
जवाब देंहटाएं