भारत में बायोस्फीयर रिजर्व (Biosphere Reserve in India UPSC in Hindi)
Table of Contents
|
भारत में बायोस्फीयर रिजर्व की सूची 2024 (List of Biosphere Reserve in India in Hindi)
क्र. सं. |
वर्ष |
नाम |
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश |
क्षेत्रफल (वर्ग कि.मी.) |
1. |
1986 |
नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व |
तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक |
5520 |
2. |
1988 |
नन्दा देवी बायोस्फीयर रिजर्व |
उत्तराखंड |
5860 |
3. |
1988 |
नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व |
मेघालय |
820 |
4. |
1989 |
मन्नार की खाड़ी बायोस्फीयर
रिजर्व |
तमिलनाडु |
10500 |
5. |
1989 |
सुन्दरवन बायोस्फीयर रिजर्व |
पश्चिम बंगाल |
9630 |
6. |
1989 |
मानस |
असम |
2837 |
7. |
1989 |
ग्रेट निकोबार द्वीप बायोस्फीयर रिजर्व |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह |
885 |
8. |
1994 |
सिमलिपाल |
उड़ीसा |
4374 |
9. |
1997 |
डिब्रू-सैखोवा |
असम |
765 |
10. |
1998 |
दिहंग-दिबंग |
अरुणाचल प्रदेश |
5112 |
11. |
1999 |
पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व |
मध्य प्रदेश |
4981.72 |
12. |
2000 |
कंचनजंघा |
सिक्किम |
2620 |
13. |
2001 |
अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व |
केरल, तमिलनाडु |
3500.08 |
14 |
2005 |
अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व |
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ |
3835 |
15. |
2008 |
कच्छ का रण |
गुजरात |
12454 |
16. |
2009 |
कोल्ड डेज़र्ट |
हिमाचल प्रदेश |
7770 |
17. |
2010 |
शेषचलम पहाड़ियाँ |
आंध्र प्रदेश |
4755 |
18. |
2011 |
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान |
मध्य प्रदेश |
2998.98 |
1. नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व:
नीलगिरि
बायोस्फीयर रिजर्व पश्चिमी घाट और दक्षिण
भारत के नीलगिरी हिल्स
रेंज में स्थित यूनेस्को
के संरक्षित जैवमंडलों के विश्व नेटवर्क
(UNESCO World Network of Biosphere Reserves) के अंतर्गत
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक
बायोस्फीयर रिजर्व है। नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व को सितंबर 1986 में मैन एंड बायोस्फियर
प्रोग्राम (Man and the Biosphere Programme) के तहत यूनेस्को द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व
के रूप में गठित किया गया था। यह
भारत का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र है, जो तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में फैला
हुआ है। नीलगिरि बायोस्फीयर
रिजर्व तमिलनाडु राज्य (2537.6 वर्ग किमी), कर्नाटक (1527.4 किमी () और केरल
(1455.4 किमी²) में 5,520 वर्ग किमी में फैला हुआ है।
नीलगिरि पश्चिमी
घाट का एक हिस्सा
है, जिसे 2012 में यूनेस्को द्वारा
विश्व विरासत स्थल (पश्चिमी घाट को) घोषित किया
गया था।
वनस्पतियों
और जीवों से समृद्ध नीलगिरी बायोस्फियर रिजर्व भारत का पहला और महत्वपूर्ण जीव भंडार
है। आदिवासी समूह जैसे बदागस, टोडा, कोटस, इरुल्लास, कुरुम्बस, पनियास, अडियन्स, एडानदान
चेटिस, अल्लार, मलायन आदि, रिजर्व के मूल निवासी हैं।
यह बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, ब्लैक पैंथर, गौर, भारतीय हाथी, चीतल हिरण, सांभर हिरण, ब्लैकबक, मालाबार विशाल गिलहरी, नीलगिरी मार्टेन और नीलगिरि तहर जैसे स्तनधारियों का घर है। यहाँ के प्राइमेट्स में शेर-पूंछ वाले मैकाक, बोनट मैकाक, नीलगिरि लंगूर, और ग्रे लंगूर हैं। यहाँ पाए जाने वाले सरीसृप भारतीय अजगर, किंग कोबरा, भारतीय कोबरा और मगहर मगरमच्छ हैं। यहाँ के पक्षी भारतीय मोर, नीलगिरि पिपिट, नीलगिरि हंसने वाले थ्रश, नीलगिरि फ्लाईकैचर, ग्रेट हॉर्नबिल और मालाबार ग्रे हॉर्नबिल हैं। यहाँ दो लुप्तप्राय प्रजातियों की सबसे बड़ी आबादी है, शेर-पूंछ वाले मकाक (lion-tailed macaque) और नीलगिरि तहर (Nilgiri tahr)।
जीवमंडल
के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्र
1. साइलेंट
वैली नेशनल पार्क (Silent Valley National Park)
2. मुकुर्ती
राष्ट्रीय उद्यान (Bandipur-Nagarhole Tiger Reserve)
3. बांदीपुर-नागरहोल टाइगर रिजर्व (Mudumalai Wildlife Sanctuary)
4. मुदुमलाई
वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary)
5. वायनाड
वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary)
6. अरलम
वन्यजीव अभयारण्य (Aralam Wildlife Sanctuary)
7. सत्यमंगलम
वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व
(Sathyamangalam Wildlife
Sanctuary and Tiger Reserve)
2. नन्दा
देवी बायोस्फीयर रिजर्व:
नंदा देवी बायोस्फीयर
रिजर्व, भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी के शिखर के आसपास स्थित एक बायोस्फीयर
रिजर्व है। यह उत्तराखंड राज्य के चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में फैला हुआ
है।
नन्दा देवी
बायोस्फीयर रिजर्व में स्थित नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान को 1988 में यूनेस्को द्वारा
विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था। बाद में इसका विस्तार किया गया और
2005 में इसका नाम नंदा देवी और फूलों की घाटी के रूप में बदल दिया गया। नन्दा देवी
राष्ट्रीय उद्यान 2,236.74 वर्ग किमी के क्षेत्र में नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में
स्थित है।
नंदा
देवी बायोस्फीयर रिज़र्व युनेस्को की विश्व
के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2004 में शामिल किया गया था। हिमालयन कस्तूरी
मृग, हिमालयन तहर, हिम तेंदुए, हिमालयन काले भालू और भूरे भालू यहाँ पाए जाते है। हैं।
3. नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व:
यूनेस्को
ने मई 2009 में बायोस्फीयर रिज़र्व
की अपनी सूची में
नोकरेक को जोड़ा। नोकरेक
बायोस्फीयर रिजर्व भारत के मेघालय
राज्य में स्थित गारो
पहाड़ियों का हिस्सा है।
पूरा बायोस्फीयर रिजर्व पहाड़ी
क्षेत्र है। अधिकांश बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र में मिट्टी लाल दोमट है। बायोस्फीयर
रिजर्व में मिट्टी कार्बनिक पदार्थ और नाइट्रोजन से भरपूर होती है लेकिन फॉस्फेट और
पोटाश की कमी होती है।
गारो
हिल्स क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण
नदियाँ और धाराएँ नोकरेक
रेंज से
निकलती हैं, जिनमें से
सिम्संग (Simsang) नदी, जिसे सोमेश्वरी
के नाम से जाना
जाता है, यह बाघमारा
में बांग्लादेश से निकलती है,
सबसे प्रमुख है। पार्क में
उल्लेखनीय स्थलों में नोकेरेक पीक
और रोंगबैंग डेयर वाटर फॉल
शामिल हैं। यहाँ स्थित
सिजू गुफा (siju caves) पानी से भरी
है और मीलों लंबी
है।
नोकरेक में
लाल पांडा (red panda) की आबादी पायी जाती है है। नोकेरेक एशियाई हाथी का एक महत्वपूर्ण
निवास स्थान भी है। stump-tailed macaque, pig-tailed macaque, Hoolocks आदि भी पाये
जाते है।
4. मन्नार की खाड़ी बायोस्फीयर रिजर्व:
मन्नार
की खाड़ी हिंद महासागर में
Lacadadive Sea का एक विशाल उथला
खाड़ी क्षेत्र है, जिसकी औसत
गहराई 5.8 metre है।
यह भारत के कोरोमंडल
तट क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी सिरे और श्रीलंका के
पश्चिमी तट के बीच
स्थित है। निम्न द्वीपों
और चट्टानों की श्रृंखला जिसे
रामसेतु के नाम से
जाना जाता है, जिसमें
मन्नार द्वीप शामिल है, मन्नार की
खाड़ी को पाक खाड़ी
(Palk Bay) से अलग करता
है, जो श्रीलंका और
भारत के बीच में
स्थित है। श्रीलंका की
मालवथु नदी और दक्षिण
भारत की थामिबरानी नदी
और वैपर नदी खाड़ी
क्षेत्र में समुद्र में
समां जाती है।
मन्नार बायोस्फीयर
रिज़र्व की खाड़ी 10,500 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिसमे यह महासागर, 21 द्वीपों
और आसपास के समुद्र तट के क्षेत्र को कवर करती है। टापू और तटीय बफर ज़ोन में समुद्र
तट, मुहाने और tropical dry broadleaf forests शामिल हैं, जबकि समुद्री वातावरण में
समुद्री शैवाल समुदाय, समुद्री घास समुदाय, प्रवाल भित्तियाँ, नमक दलदल और मैंग्रोव
वन शामिल हैं। लुप्तप्राय प्रजातियों
में डूगोंग (समुद्री गाय) (dugong) (sea
cow), व्हेल और समुद्री खीरे
(sea cucumbers) यहां पाई जाती है। मन्नार की खाड़ी अपने मोती तटों
(Pearl banks) के लिए जानी जाती है।
1986 में, थूथुकुडी और धनुषकोडि के बीच तमिलनाडु तट से दूर 21 द्वीपों का एक समूह मन्नार की खाड़ी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। पार्क और इसके 10 किमी के बफर जोन को 1989 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
5. सुन्दरवन बायोस्फीयर रिजर्व:
सुंदरवन
बायोस्फीयर रिजर्व बंगाल की खाड़ी में
गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों
के संगम से बने
डेल्टा में स्थित एक
मैन्ग्रोव क्षेत्र है। यह भारत
के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी
से लेकर बांग्लादेश में
बालेश्वर नदी तक फैला
हुआ है। सुन्दरवन बायोस्फीयर
रिजर्व गंगा और ब्रह्मपुत्र
नदी प्रणाली के डेल्टा का
एक हिस्सा है। सुंदरवन में चार संरक्षित क्षेत्रों
(सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान, सुंदरवन पश्चिम, सुंदरबन दक्षिण और सुंदरवन पूर्व वन्यजीव
अभयारण्य) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में 1987 में सूचीबद्ध किया गया
है। रिज़र्व सुन्दरवन बायोस्फीयर
रिजर्व युनेस्को की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2001 में शामिल किया
गया था। सुंदरबन भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल है। इसे 2019 में रामसर स्थल घोषित किया
गया था।
यहाँ पाए जाने
वाले सबसे प्रचुर मात्रा में पेड़ की प्रजातियां में सुंदरी नामक वृक्ष हैं। इसी के
नाम पर इसका नाम सुंदरवन पड़ा है। बंगाल टाइगर (Bengal tiger) के लिए सुंदरवन एक महत्वपूर्ण निवास स्थान
है। लुप्तप्राय प्रजातियां जो सुंदरवन के भीतर रहती हैं, उनमें estuarine
crocodile, northern river terrapin (Batagur baska), Olive ridley sea turtle,
Gangetic dolphin, ground turtles, hawksbill sea turtles and king crabs (horse
shoe) शामिल हैं।
6. मानस बायोस्फीयर रिजर्व:
मानस
बायोस्फीयर रिजर्व भारत के असम राज्य में स्थित हैं। यह यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्राकृतिक
विश्व धरोहर स्थल, बाघ के आरक्षित परियोजना (Project Tiger), हाथियों के आरक्षित क्षेत्र
हैं। मानस बायोस्फीयर रिजर्व असम के कोकराझार, बोंगईगांव, बारपेटा,
नलबाड़ी, कामरूप और दरंग जिलों में फैला हुआ है।
मानस नदी बायोस्फीयर रिजर्व से होकर गुजरती
है। मानस नदी ब्रह्मपुत्र नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। इसे भारत सरकार द्वारा 1989 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
7. ग्रेट
निकोबार द्वीप बायोस्फीयर रिजर्व:
यह अंडमान और
निकोबार के दक्षिणी द्वीप समूह (ग्रेट निकोबार द्वीप) में स्थित हैं। बायोस्फीयर
रिजर्व युनेस्को की विश्व के
बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में
सन् 2013 में शामिल किया
गया था। इसे भारत सरकार द्वारा 1989 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित
किया गया था।
यहाँ Nicobar
scrub fowl, the edible-nest swiftlet, the Nicobar long-tailed macaque,
saltwater crocodile, giant leatherback sea turtle, Malayan box turtle, Nicobar
tree shrew, reticulated python and the giant robber crab आदि पाए जाते है।
8. सिमलिपाल
बायोस्फीयर रिजर्व:
यह उड़ीसा के
मयूरभंज जिले में स्थित हैं। इसे भारत सरकार द्वारा 1994 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित
किया गया था। बायोस्फीयर
रिजर्व युनेस्को की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2009 में शामिल किया
गया था।
यह बायोस्फीयर
रिजर्व बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, गौर और चौसिंगा का घर है। यहाँ कुछ खूबसूरत झरने
जैसे कि जोरांडा और बरहीपनी जलप्रपात स्थित
हैं।
9. डिब्रू-सैखोवा बायोस्फीयर रिजर्व:
डिब्रू-सैखोवा
बायोस्फीयर रिजर्व भारत के
असम राज्य के डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में स्थित
है। इसे भारत सरकार द्वारा 1997 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
यह बायोस्फीयर
रिजर्व दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जो जंगली घोड़ों (feral horses) और सफेद पंखों वाला देवहंस
(Wood Duck) का घर है। डिब्रू-सैखोवा बायोस्फीयर रिजर्व में ब्रह्मपुत्र और लोहित नदियों
नदियाँ बहती है।
10. दिहंग-दिबंग बायोस्फीयर रिजर्व:
अरुणाचल प्रदेश
में सियांग और दिबांग घाटी का हिस्सा है। मौलिंग नेशनल पार्क और दिबांग वन्यजीव अभयारण्य
इस बायोस्फीयर रिजर्व के भीतर स्थित हैं। रिज़र्व अरुणाचल प्रदेश में तीन जिलों में
फैला है: दिबांग वैली, अपर सियांग और वेस्ट सियांग। इसे भारत सरकार द्वारा 1998 में
बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
दिहंग-दिबंग
बायोस्फीयर रिजर्व वन्यजीवों से समृद्ध है। दुर्लभ स्तनपायी जैसे कि मिश्मी टैकिन,
लाल गोरल, कस्तूरी मृग, लाल पांडा, एशियाई काला भालू, आदि यहाँ पाए जाते हैं।
11. पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व:
पचमढ़ी बायोस्फीयर
रिजर्व, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों में स्थित है। यह सतपुड़ा
रेंज में स्थित है। इसमें
बोरी अभयारण्य, पचमढ़ी अभयारण्य, सतपुड़ा नेशनल पार्क शामिल हैं।
इसे भारत सरकार
द्वारा 1999 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था। बायोस्फीयर रिजर्व युनेस्को
की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2009 में शामिल किया गया था।
12. कंचनजंघा बायोस्फीयर रिजर्व:
कंचनजंघा बायोस्फीयर
रिजर्व सिक्किम के खंगचेंद्ज़ोंगा पहाड़ियों में फैला हुआ है। यहाँ स्थित कंचनजंघा
चोटी विश्व की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है, इसे भारत सरकार द्वारा 2000 में बायोस्फीयर
रिजर्व घोषित किया गया था। बायोस्फीयर रिजर्व युनेस्को की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व
की सूची में सन् 2018 में शामिल किया गया था। Snow leopard, red panda आदि यहाँ पाए
जाते हैं।
13. अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व:
अगस्त्यमलाई
बायोस्फीयर रिजर्व केरल के पठानमथिट्टा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जिलों और तमिलनाडु
के तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी
जिलों में, पश्चिमी घाट
के दक्षिणी छोर पर स्थित है। इसमें
शेंदुरनी वन्यजीव अभयारण्य, पीपरा वन्यजीव अभयारण्य, नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य और कलक्कड़
मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व शामिल हैं। नीलगिरि
तहर, एशियाई हाथी आदि यहाँ
पाए जाते हैं।
इसे भारत सरकार
द्वारा 2001 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था। बायोस्फीयर रिजर्व युनेस्को
की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2016 में शामिल किया गया था।
14. अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व:
अचानकमार-अमरकण्टक
जीवमण्डल रिज़र्व भारत के दो राज्यों मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में स्थित है। इस रिजर्व
का लगभग 68.1% छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित है। रिजर्व के अन्य प्रमुख हिस्से
मध्य प्रदेश के अनूपपुर (16.20%) और डिंडोरी (15.70%) जिलों में हैं। अचनकमार वन्यजीव
अभयारण्य का संरक्षित क्षेत्र बिलासपुर जिले में बायोस्फीयर रिजर्व के भीतर स्थित है।
चार सींग वाले मृग, भारतीय जंगली
कुत्ता, सॉर्स क्रेन, सफ़ेद दुम वाला गिद्ध आदि
यहाँ पाए जाते हैं।
इसे भारत सरकार
द्वारा 2005 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था। बायोस्फीयर रिजर्व युनेस्को
की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2012 में शामिल किया गया था।
15. कच्छ का रण बायोस्फीयर रिजर्व:
कच्छ का रण
बायोस्फीयर रिजर्व गुजरात राज्य के कच्छ, राजकोट, सुरेंद्र नगर और पाटन जिलों में फैला हुआ एक नमकीन दलदल का प्रदेश
है। यह थार रेगिस्तान में स्थित है। कच्छ का
रण भारत
में सबसे बड़ा बायोस्फीयर रिजर्व (largest biosphere reserve in India) है। इसे भारत सरकार द्वारा 2008 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित
किया गया था।
भारतीय जंगली
गधा यहाँ पाया जाता है। यहाँ
बन्नी घास के मैदान (Banni
grasslands) पाया जाता है।
16. कोल्ड डेज़र्ट बायोस्फीयर रिजर्व:
कोल्ड डेजर्ट
बायोस्फीयर रिज़र्व उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य के भीतर, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र
में स्थित एक बायोस्फीयर रिजर्व है। कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिज़र्व में पिन वैली
नेशनल पार्क, चंद्रताल और सरचू किब्बर वन्यजीव अभयारण्य आदि शमिल है। इसे भारत सरकार द्वारा 2009 में बायोस्फीयर
रिजर्व घोषित किया गया था।
17. शेषचलम पहाड़ियाँ बायोस्फीयर रिजर्व:
इसे भारत सरकार
द्वारा 2010 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था। शेषचलम पहाड़ियाँ बायोस्फीयर
रिजर्व, दक्षिण-पूर्वी भारत में आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित पूर्वी घाट का हिस्सा
है। शेषचलम हिल रेंज आंध्र प्रदेश के चित्तूर और कडपा जिलों के हिस्सों को कवर करता
है
तिरुपति (एक
प्रमुख हिंदू तीर्थ शहर) शेषचलम पहाड़ियों में स्थित है। यहाँ लाल चंदन (red sandalwood) के पेड़ पाए जाते जाते
है, जो दवाओं, साबुन, आध्यात्मिक अनुष्ठानों आदि में उपयोग किया जाता है। यहाँ Slender loris नामक
जीव पाया जाता है।
18. पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व:
पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व भारत में मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित है। इसे भारत सरकार द्वारा 2011 में बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था। बायोस्फीयर रिजर्व युनेस्को की विश्व के बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की सूची में सन् 2020 में शामिल किया गया था। Tiger, chital, chinkara, sambhar, sloth bear आदि यहाँ पाए जाते हैं।
भारत में यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व की सूची (UNSECO Biosphere Reserves in India in Hindi)
क्र. सं. |
वर्ष |
नाम |
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश |
क्षेत्रफल (वर्ग कि.मी.) |
1. |
2000 |
नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व |
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक |
5520 |
2. |
2001 |
मन्नार की खाड़ी |
तमिलनाडु |
10500 |
3. |
2001 |
सुन्दरवन जैवमंडल रिजर्व |
पश्चिम बंगाल |
9630 |
4. |
2004 |
नन्दा देवी जैवमंडल रिजर्व |
उत्तराखंड |
5860 |
5. |
2009 |
नोकरेक जैवमंडल रिजर्व |
मेघालय |
820 |
6. |
2009 |
सिमलिपाल जैवमंडल रिजर्व |
उड़ीसा |
4374 |
7. |
2009 |
पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व |
मध्य प्रदेश |
4981.72 |
8. |
2012 |
अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व |
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश |
3835 |
9. |
2013 |
ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह |
885 |
10. |
2016 |
अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व |
केरल और तमिलनाडु |
3500.08 |
11. |
2018 |
कंचनजंघा |
सिक्किम |
2620 |
12. |
2020 |
पन्ना बायोस्फेयर रिजर्व |
मध्यप्रदेश |
2998.98 |
बायोस्फीयर रिजर्व क्या है? (What is Biosphere Reserve in Hindi)
यूनेस्को
के अनुसार, “जीवमण्डल रिज़र्व/बायोस्फीयर रिजर्व स्थलीय और तटीय पारिस्थितिक
तंत्र के क्षेत्र हैं,
जो अपने सतत उपयोग
(Sustainable use) के
साथ जैव विविधता के
संरक्षण के उपाय को प्रोत्साहित करते हैं।”
बायोस्फीयर
रिजर्व, प्राकृतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य
का प्रतिनिधित्व करता है जिनका
विस्तार स्थलीय या तटीय / समुद्री
पारिस्थितिकी प्रणालियों या इनके मिश्रण
वाले एक बड़े क्षेत्र
में होता है|
बायोस्फीयर
रिजर्व राष्ट्रीय सरकारों द्वारा नामित किए जाते हैं
और उन राज्यों के
संप्रभु क्षेत्राधिकार में रहते हैं
जहां वे स्थित हैं।
बायोस्फीयर
रिजर्व योजना और प्रबंधन में
स्थानीय समुदायों और सभी रुचि
रखने वाले हितधारक को
शामिल करता है। वे
तीन मुख्य "कार्यों" को एकीकृत करते
हैं:
1. जैव
विविधता और सांस्कृतिक विविधता
का संरक्षण
2. आर्थिक
विकास, जो सामाजिक-सांस्कृतिक
और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ
है
3. लॉजिस्टिक
सपोर्ट, रिसर्च, मॉनिटरिंग, शिक्षा और प्रशिक्षण के
माध्यम से विकास को
विकास को रेखांकित करना
इन तीन कार्यों को
बायोस्फीयर रिजर्व के तीन मुख्य
क्षेत्रों के माध्यम से
किया जाता है-
मुख्य
क्षेत्र (Core Areas)
इसमें
एक सख्ती से संरक्षित क्षेत्र
शामिल है जो परिदृश्य,
पारिस्थितिक तंत्र, प्रजातियों और आनुवंशिक भिन्नता
के संरक्षण में योगदान देता
है
बफर
जोन (Buffer Zones)
यह कोर क्षेत्र को
घेरता है या इसके
साथ जुड़ता है, और इसका
उपयोग ध्वनि पारिस्थितिक प्रथाओं (sound ecological practices) के साथ संगत
गतिविधियों के लिए किया
जाता है जो वैज्ञानिक
अनुसंधान, निगरानी, प्रशिक्षण और शिक्षा को
सुदृढ़ कर सकते हैं।
संक्रमण
क्षेत्र (Transition Area)
संक्रमण
क्षेत्र वह जगह है
जहां समुदाय सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप
से स्थायी आर्थिक और मानवीय गतिविधियों
को बढ़ावा देते हैं।
यूनेस्को मानव और जैवमंडल कार्यक्रम (UNESCO Man and the Biosphere (MAB) Programme in Hindi)
मैन
एंड द बायोस्फियर प्रोग्राम
(एमएबी) एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक
कार्यक्रम है, जिसे 1971 में
यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया
था, जिसका उद्देश्य लोगों और उनके वातावरण
के बीच संबंधों के
सुधार के लिए वैज्ञानिक
आधार स्थापित करना है।
MAB प्राकृतिक
और सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और शिक्षा को मानव आजीविका और लाभों के समान बंटवारे
को बेहतर बनाने और प्राकृतिक और प्रबंधित पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा करने के लिए
जोड़ती है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त है, और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ
है।
एमएबी कार्यक्रम
अनुसंधान और विकास, क्षमता निर्माण और नेटवर्किंग पर सहयोग के लिए मंच प्रदान करता
है जो 3 परस्पर संबंधित मुद्दों जैव विविधता हानि, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर
जानकारी, ज्ञान और अनुभव साझा करता है।
बायोस्फीयर
रिज़र्व्स का विश्व नेटवर्क उत्तर-दक्षिण और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देता है
और ज्ञान साझा करने, अनुभवों का आदान-प्रदान करने, निर्माण क्षमता और सर्वोत्तम प्रथाओं
को बढ़ावा देने के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक अद्वितीय उपकरण का प्रतिनिधित्व
करता है।
दुनिया का पहला
बायोस्फीयर रिजर्व 1979 में स्थापित किया गया था। जनवरी 2021 तक, 129 देशों में 21 transboundary साइटों सहित 714 बायोस्फीयर रिजर्व को विश्व नेटवर्क
ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया
गया है। वर्तमान में, भारत में 18 अधिसूचित बायोस्फीयर रिजर्व हैं।
चयन
प्रक्रिया (DESIGNATION
PROCESS)
बायोस्फीयर रिजर्व राष्ट्रीय सरकारों द्वारा नामित किए जाते हैं और उन राज्यों के संप्रभु क्षेत्राधिकार में रहते हैं जहां वे स्थित हैं। MAB International Coordinating Council (MAB ICC) के निर्णयों के बाद यूनेस्को के महानिदेशक द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व को अंतरसरकारी एमएबी कार्यक्रम के तहत नामित किया जाता है। साइटें सभी सदस्य राज्यों और यूनेस्को के नौ एसोसिएट सदस्यों द्वारा प्रस्तावित की जा सकती हैं।
Biosphere Reserves in India Map
Biosphere Reserve in India |
FAQ
Q. भारत
में कितने बायोस्फीयर रिजर्व/ जीव मंडल निचय
है? (total biosphere
reserves in india/ number of biosphere reserves in india/ total number of
biosphere reserves in india)
A. भारत में 18 बायोस्फीयर रिजर्व हैं.
Q. बायोस्फीयर
रिजर्व प्रोजेक्ट भारत में कब
प्रारंभ हुआ?
A. बायोस्फीयर
रिजर्व प्रोजेक्ट भारत में 2000
में प्रारंभ हुआ.
Q. बायोस्फीयर
रिजर्व को हिंदी में
क्या कहते हैं?
A. बायोस्फीयर
रिजर्व को हिंदी में
जीवमंडल आरक्षित कहते हैं.
Q. भारत
का पहला जीव आरक्षण
क्षेत्र कौन है? (first biosphere reserve in india?/ india's
first biosphere reserve/1st biosphere reserve in india/ name the first
biosphere reserve in india?/ oldest biosphere reserve in india)
A. भारत
का पहला जीव आरक्षण
क्षेत्र नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व (1986) है.
Q. भारत
का सबसे बड़ा बायोस्फीयर
रिजर्व कौन सा है?
(largest biosphere reserve in india/ biggest biosphere reserve in india?/ biosphere
reserve in Gujarat)
A. भारत
का सबसे बड़ा बायोस्फीयर
रिजर्व कच्छ का रण
(गुजरात) है.
Q. भारत
में सबसे छोटा बायोस्फीयर
रिजर्व कौन सा है? (smallest
biosphere reserve in india?)
A. भारत
में सबसे छोटा बायोस्फीयर
रिजर्व पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व है.
Q. नीलगिरि
जैवमंडल किस राज्य में
है? (Nilgiri biosphere reserve in which
state?)
A. नीलगिरि
जैवमंडल तमिलनाडु, केरल और कर्नाटकराज्य
में है?
Q. नंदा
देवी बायोस्फीयर रिजर्व किस राज्य में
स्थित है? (Nanda devi biosphere reserve is located in?)
A. नंदा
देवी बायोस्फीयर रिजर्व उत्तराखण्ड राज्य
में स्थित है?
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