UPPSC Syllabus in Hindi 2024

UPPSC (UPPCS) Syllabus in Hindi 2024 (Syllabus of UPPSC PCS in Hindi)

Table of Contents

1. UPPSC PCS परीक्षा की योजना

  • · UPPSC PCS Prelims Exam Pattern in Hindi
  • · UPPSC PCS Mains Exam Pattern in Hindi
  • · UPPSC PCS Exam Interview
  • · Final Merit
2. UPPSC PCS Prelims Exam Syllabus in Hindi

  • ·  प्रश्नपत्र-1: सामान्य अध्ययन I
  • ·  प्रश्नपत्र- 2: सामान्य अध्ययन II (CSAT)

3. UPPSC PCS Mains Exam Syllabus in Hindi

  • सामान्य हिन्दी
  • निबन्ध 
  • सामान्य अध्ययन-I
  • सामान्य अध्ययन-॥
  • सामान्य अध्ययन-॥I
  • सामान्य अध्ययन-IV
  • सामान्य अध्ययन-V
  • सामान्य अध्ययन-VI


1. यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा की योजना (Plan of UPPSC PCS Exam in Hindi)

UPPSC PCS की परीक्षा तीन चरणों में होती है-

A. प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ और बहुविकल्पी प्रकार)

B. मुख्य परीक्षा (पारंपरिक प्रकार यानी लिखित परीक्षा

C. मौखिक परीक्षा (व्यक्तित्व परीक्षण)



A. यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न (UPPSC PCS Prelims Exam Pattern):


प्रश्नपत्र

 

 

कुल प्रश्न

कुल अंक

समय

नकारात्मक अंक

प्रश्नपत्र का प्रकार

प्रश्नपत्र-1

सामान्य अध्ययन I

 

150

200

2 घंटा

हाँ (एक तिहाई)

वस्तुनिष्ठ/बहुविकल्पीय (Objective)

प्रश्नपत्र- 2

सामान्य अध्ययन II

(CSAT)

 

100

200

2 घंटा

हाँ (एक तिहाई)

वस्तुनिष्ठ/बहुविकल्पीय (Objective)

 

  • दोनों प्रश्नपत्र 200-200 अंकों के और 2-2 घंटे के होंगे।
  • दोनों पेपर वस्तुनिष्ठ प्रकार और बहुविकल्पीय होंगे, जिसमें क्रमशः 150 (सामान्य अध्ययन I) – 100 (सामान्य अध्ययन II) प्रश्न होंगे।
  • पेपर I का समय सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक होगा। तथा पेपर II दोपहर 2.30 से 4.30 बजे तक होगा ।



नोट:

(1) प्रारंभिक परीक्षा का पेपर-II एक अर्हक पेपर होगा जिसमें न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित होंगे।


(2) मूल्यांकन के उद्देश्य से अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होना बाध्यकारी है। अतएव यदि कोई अभ्यर्थी दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित नहीं होता है तो वह अनर्ह (disqualify) हो जायेगा।


(3) अभ्यर्थियों के योग्यताक्रम (Merit) का निर्धारण उनके प्रारम्भिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में प्राप्त अंको के आधार पर किया जायेगा।


(4) दोनों प्रश्नपत्रों में नकारात्मक अंक (निगेटिव मार्किंग) की व्यवस्था लागू है जिसके तहत 3 उत्तर गलत होने पर 1 सही उत्तर के बराबर अंक काट लिये जाते हैं।



B. यूपीपीएससी पीसीएस मुख्य परीक्षा पैटर्न   (UPPSC PCS Mains Exam Pattern in Hindi):

लिखित परीक्षा में निम्नलिखित अनिवार्य और वैकल्पिक विषय शामिल होंगे। अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु वैकल्पिक विषयों की सूची में से कोई एक विषय चुनना होगा जिसके दो प्रश्न-पत्र होंगे।

 

                  प्रश्नपत्र

 

 

कुल अंक

समय

प्रश्नपत्र का प्रकार

सामान्य हिंदी


150

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

निबंध

 

150

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-I


200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-II

 

200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-III


200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-IV

 

200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-V

 

200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)

सामान्य अध्ययन-VI

 

200

3 घंटा

परम्परागत (Conventional)


नोट :

1.  3 घण्टे वाले प्रश्नपत्र का परीक्षा समय पूर्वान्ह 9.30 बजे से 12.30 बजे तक तथा अपरान्ह 2 बजे से सायं 5 बजे तक होगा।


2. अभ्यर्थी से सामान्य हिन्दी के अनिवार्य प्रश्न-पत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की अपेक्षा की जायेगी जो यथा स्थिति, शासन या आयोग द्वारा अवधारित किये जायेंगे।



C. व्यक्तित्व परीक्षा/मौखिक परीक्षा (UPPSC PCS Exam Interview)

यह परीक्षा अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, बुद्धि, चरित्र, अभिव्यक्ति की क्षमता, व्यक्तित्व एवं सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता को दृष्टि में रखते हुये सामान्य अभिरूचि के विषयों से सम्बन्धित होगी।


Personal Interview

 

कुल अंक

साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण

 

100

 

 

UPPSC PCS Final Merit:

लिखित परीक्षा/मुख्य परीक्षा

 

1500 अंक

व्यक्तित्व परीक्षण

 

100 अंक

कुल योग

 

1600 अंक

 

Note -

  • · जो अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में अर्हता (qualify) प्राप्त करते हैं उन्हें साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण (Personal Interview) के लिए बुलाया जाता है।
  • · अंतिम मेरिट और रैंक मुख्य परीक्षा + साक्षात्कार (1500 + 100= 1600) के अंकों को जोड़कर बनाई जाती है।

 



2. यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम (UPPSC PCS Prelim Exam Syllabus in Hindi)

A. प्रश्नपत्र-1 (सामान्य अध्ययन-I):

(1) राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें: राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।


(2) भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः इतिहास के अन्तर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।


(3) भारत एवं विश्व का भूगोल: भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।


(4) भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक प्रकरण आदि: भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अन्तर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।


(5) आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत विकास, गरीबी अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि: अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा।


(6) पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।


(7) सामान्य विज्ञान: सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।


नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।




B. प्रश्नपत्र-2 (सामान्य अध्ययन-॥):

. प्रश्नपत्र

                                       पाठ्यक्रम

 

प्रश्नपत्र-2

सामान्य अध्ययन-

·    काम्प्रिहेन्सन (विस्तारीकरण)

 

·    अन्तर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें सम्प्रेषण कौशल भी समाहित होगा।

 

·    तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता।

 

·    निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।

 

·    सामान्य बौद्धिक योग्यता।

 

·    प्रारम्भिक गणित हाईस्कूल स्तर तक- अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित सांख्यिकी।

 

·    सामान्य अंग्रेजी हाईस्कूल स्तर तक।

 

·    सामान्य हिन्दी हाईस्कूल स्तर तक।

 



प्रारम्भिक
गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय-

1. अंकगणितः

(1) संख्या पद्धतिः प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय अपरिमेय एवं वास्तविक संख्यायें, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्यायें। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य तथा उनमें सम्बन्ध।

(2) औसत

(3) अनुपात एवं समानुपात

(4) प्रतिशत

(5) लाभ-हानि

(6) ब्याज- साधारण एवं चक्रवृद्धि

(7) काम तथा समय |

(8) चाल, समय तथा दूरी

 

2. बीजगणित

(1) बहुपद के गुणनखण्ड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य एवं उनमें सम्बन्ध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण

(2) समुच्चय सिद्धान्तः समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियायें (संघ, प्रतिछेद, अन्तर, समिमित अन्तर), बेन-आरेख

 

3. रेखागणितः

(1) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण सम्बन्धी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल,

(2) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल।

 

4. सांख्यिकीः आंकड़ों का संग्रह, आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता, बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारम्बारता, आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक

 

General English Upto Class X Level

1. Comprehension

2. Active Voice and Passive Voice

3. Parts of Speech

4. Transformation of Sentences

5. Direct and Indirect Speech

6. Punctuation and Spellings

7. Words meanings

8. Vocabulary & Usage

9. Idioms and Phrases

10. Fill in the Blanks

 

 

सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय -

(1) हिन्दी वर्णमाला, विराम चिन्ह

(2) शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ

(3) शब्द-रूप

(4) संधि, समास आदि

(5) क्रियायें

(7) विलोम शब्द

(9) मुहावरे एवं लोकोक्तियां

(10) तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)

(11) वर्तनी

(12) अर्थबोध

(13) हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ आर्थिक

(14) 0प्र0 की मुख्य बोलियाँ






3. यूपीपीएससी पीसीएस मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम (UPPSC PCS Mains Exam Syllabus in Hindi)

1. सामान्य हिन्दी

2. निबन्ध (Essay)

3. सामान्य अध्ययन-I 

4. सामान्य अध्ययन-II 

5. सामान्य अध्ययन-III 

6. सामान्य अध्ययन-IV 

7. सामान्य अध्ययन-V

8. सामान्य अध्ययन-VI

 

 

1. सामान्य हिन्दी:

प्रश्नपत्र

 

                                पाठ्यक्रम

 

सामान्य हिन्दी

 

(1) दिये हुए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर।

 

(2) संक्षेपण।

 

(3) सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र

 

(4) शब्द ज्ञान एवं प्रयोग

(अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग,

(ब) विलोम सामान्य अध्ययन-॥ शब्द,

(स) वाक्यांश के लिए एक शब्द

(द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि

 

(5) लोकोक्ति एवं मुहावरे।

 

 

 


2. निबन्ध:

प्रश्नपत्र

 

                                पाठ्यक्रम

 

निबन्ध

 

खण्ड (क)-

1.साहित्य और संस्कृति

2.सामाजिक क्षेत्र

3. राजनैतिक क्षेत्र

 

खण्ड (ख)-

1. विज्ञान पर्यावरण और प्रौद्योगिकी

2. आर्थिक क्षेत्र

3.कृषि उद्योग एवं व्यापार

 

खण्ड (ग) -

1. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम

2. प्राकृतिक आपदाएं भू-स्खलन भूकम्प, बाढ़, सूखा, आदि।

3.राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं

 




3. सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-I (General Studies‐I):

प्रश्नपत्र                                         

 

                                         पाठ्यक्रम

 

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-I

(General Studies‐I)

           

1. भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

 

2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई0 से 1947 ई0 तक)- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व एवं समस्याएं इत्यादि। 

 

3. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।

 

4. स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई0 तक)।

 

5. विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएं जैसे फ्रांसीसी क्रान्ति 1789, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और | समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगें। 

 

6. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएं। 

 

7. महिलाओं की समाज और महिला संगठनों में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएं, गरीबी और | विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय। 

 

8. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थ व्यवस्था, राज्य व्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव । 

 

9. सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता। 

 

10. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल,मिट्टियॉ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में)। 

 

11. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएं, पवन एवं हिम सरिताएं। 

 

12. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता। 


13. मानव प्रवास- विश्व की शरणार्थी समस्या- भारत- उपमहाद्वीप के संदर्भ में। 

 

14. सीमान्त तथा सीमाएभारत उप महाद्वीप के संदर्भ में। 

 

15. जनसंख्या एवं अधिवास- प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण,स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम। 

 

16. उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान-इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्योहार, लोक-नृत्य | साहित्य, प्रादेशिक भाषाएं, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन। 

 

17. उ0प्र0 का विशेष ज्ञान- भूगोल-मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टियाँ, वन वन्य-जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत। 

 




4. सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-II (General Studies‐ II):

प्रश्नपत्र

                                                  पाठ्यक्रम

 

 

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-II

(General Studies‐ II)

 

1. भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका। 

 

2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ। 

 

3. केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका। 


4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएं । वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रो का उदय एवं| उनका प्रयोग। 

 

5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना। 

 

6. संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय। 

 

7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद (पी0आई0एल0)। 

 

8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं। 

 

9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियाँ, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व । 

 

10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत- उनकी विशेषताएं एवं| कार्यभाग। 

 

11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई0सी0टी0)। 

 

12. विकास प्रक्रियाएं-गैर सरकारी सगंठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएं, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक। 

 

13. केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गो के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य- निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गो की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय। 

 

14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबधित विषय। 


15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ। 

 

16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय। 

 

17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका। 

 

18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध। 

 

19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार। 

 

20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव। 

 

21. महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य भाग। 

 

22. उ0प्र0 के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी। 


23. क्षेत्रीय, प्रान्तीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक घटनाक्रम । 

 




5. सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-III (General Studies‐ III):

प्रश्नपत्र                                                     

 

                                               पाठ्यक्रम

 

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-III

(General Studies‐ III)

 

1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ, नीति (एन0आई0टी0आई0) आयोग की भूमिका, | संपोषणीय विकास के लक्ष्य, एस0डी0जी0 की प्राप्ति के प्रयास  

 

2. गरीबी के मुददे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि। 

 

3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली। 


4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु -तकनीकी। 

 

5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली-उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएं, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बन्धित तकनीकी अभियान टेक्नालाजी मिशन। 

 

6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृखंला प्रबंधन। 

 

7. भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार । 

 

8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव। 

 

9. आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि । 


10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति)। 

 

11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, प्रौद्योगिकी का देशजीकरण। नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रान्तिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाँ। 

 

12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर, ऊर्जा स्त्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव | विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बन्धित मुद्दे। 

 

13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं| क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन। 

 

14. आपदाः गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबन्धन । 

 

15. अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाः आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तन्त्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउन्डरिंग तथा मानव तस्करी। 

 

16. भारत की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियांः आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध । 

 

17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन । 

 

18. उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृष्य का विशिष्ट ज्ञान:- उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट । कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्व । मानव संसाधन एवं कौशल विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएं। 

 

19. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे । 

 

20. उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा। 

 



 

6. सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-IV (General Studies‐ IV):

प्रश्नपत्र  

 

                                                  पाठ्यक्रम

 

 

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-IV

(General Studies‐ IV)

 

·    नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्तः सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम : नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र। मानवीय मूल्य-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।


·    अभिवृत्तिः अंर्तवस्तु (कंटेन्ट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।

 

·    सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर- तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करूणा।

 

·    संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएं तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग।

 

·    भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान।


·    लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र : स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था। 

 

·    शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।

 

·    उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)

 


 


7. सामान्य अध्ययन-V:

1. उ0प्र0 का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं प्राचीन नगर ।

 

2. उ0प्र0 की वास्तुकला, उसकी महत्ता एवं रख-रखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार एवं पुरातत्व ।

 

3. भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में 1857 से पहले एवं बाद में उ०प्र० का योगदान |

 

4. उ0प्र0 के सुविख्यात स्वतन्त्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व ।


5. उ0प्र0 में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे: सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा एवं साहित्य / बोली, सामाजिक प्रथाएं एवं पर्यटन |

 

6. उ0प्र0 की राजव्यवस्था – शासन प्रणाली, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधान सभा एवं विधान परिषद, केन्द्र-राज्य सम्बन्ध |

 

7. उ0प्र0 में लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग लेखा परीक्षा, महान्यायवादी उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र ।

 

8. उ0प्र0 – विशेष राज्य चयन मानदण्ड, राजभाषा, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनीतिक दल एवं राज्य निर्वाचन आयोग |

 

9. उ0प्र0 में स्थानीय स्वशासनः शहरी एवं पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार सम्बन्धी मुद्दे ।

 

10. उ0प्र0 – सुशासन, भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस सूचना का अधिकार, समाधान योजना ।

 

11. उ0प्र0 में भूमि सुधार एवं इसका प्रभाव ।

 

12.       उ0प्र0 में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे:-

(i) उग्रवाद के प्रसार एवं विकास के बीच सम्बन्ध |

(ii) बाह्य, राज्य एवं अन्तर राज्यीय सक्रियकों से आन्तरिक सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ पैदा करने में संचार नेटवर्कों, मीडिया एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका ।

(ii) साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम, कालेधन को वैध बनाना एवं इसकी रोकथाम

(v) विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ और उनके शासनादेश / अधिकार-पत्र |

(v) सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबन्धन, संगठित अपराधों का आंतकवाद से संबंध

 

13. उ0प्र0 में कानून व्यवस्था एवं नागरिक अधिकार सुरक्षा |

 

14. उ0प्र0 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय मुद्दे ।

 

15. उ0प्र0 में शिक्षा प्रणाली ।

 

16. भारत के विकास में उ०प्र० की भूमिका ।

 

17. उ0प्र0 की समसामयिक घटनाएं।

 

18. जल शक्ति मिशन एवं अन्य केन्द्रीय योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन ।

 

19. उ0प्र0 में गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) मुद्दे योगदान एवं प्रभाव।

 

20. उ0प्र0 में पर्यटनः मुद्दे एवं सम्भावनायें ।

 

21. उ0प्र0 में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार इसके मुद्दे एवं इसका समाज में रोजगार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।

 



8. सामान्य अध्ययन-VI:

1. उ0प्र0 का आर्थिक परिदृश्य अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएं. बुनियादी ढाँचा एवं भौतिक संसाधनों का महत्व |

 

2. उ0प्र0 का व्यापार वाणिज्य एवं उद्योग ।

 

3. उ0प्र0 सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएँ परियोजनाएँ एवं नियोजित विकास, मानव संसाधन एवं कौशल विकास ।

 

4. उ0प्र0 में निवेशः मुद्दे एवं प्रभाव।

 

5. उ0प्र0 की लोक वित्त एवं राजकोषीय नीति, कर एवं आर्थिक सुधार, एक जिला एक उत्पाद नीति ।

 

6. उ0प्र0 में नवीकरणीय ऊर्जा एवं गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना एवं प्रबन्धन |

 

7. उ0प्र0 की जनांकिकी जनसंख्या एवं जनगणना ।

 

8. उ0प्र0 में कृषि का व्यावसायीकरण एवं कृषि फसलों का उत्पादन।

 

9. उ०प्र० की नवीन वानिकी नीति ।

 

10. उ0प्र0 की कृषि एवं सामाजिक वानिकी ।

 

11. उ0प्र0 में कृषि विविधता कृषि की समस्याएँ एवं उनका समाधान ।

 

12. उ0प्र0 के विभिन्न क्षेत्रों में विकासीय सूचकांक ।

 

13. उ0प्र0 का भूगोल भौगोलिक स्थिति उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, सिंचाई, खनिज, अपवाह प्रणाली एवं वनस्पति ।

 

14. उ0प्र0 में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य |

 

15. उ0प्र0 में परिवहन तंत्र ।

 

16. उ0प्र0 में औद्योगिक विकास, शक्ति संसाधन एवं अधोसंरचना |

 

17. उ0प्र0 में प्रदूषण एवं पर्यावरण के मुद्दे प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं इनके कार्य ।

 

18. उ0प्र0 के प्राकृतिक संसाधन मृदा, जल, वायु, वन, घास मैदान, आद्रभूमि ।

 

19. उ0प्र0 के जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान से सम्बन्धित मुद्दे I

 

20. उ0प्र0 के सन्दर्भ में अधिवास पारिस्थितिकी तंत्र संरचना एवं कार्य समायोजन, जीव-जन्तु एवं वनस्पतियां।

 

21. उ0प्र0 में विज्ञान एवं तकनीक के मुद्दे प्रसार एवं प्रयत्न ।

 

22. उ0प्र0 में मत्स्य, अंगूर रेशम् फूल, बागवानी एवं पौध उत्पादन तथा उ0प्र0 के विकास में इनका प्रभाव ।

 

23. उ0प्र0 के विकास में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करना।


UPPSC Syllabus in Hindi

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